मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि झुग्गी-मुक्त मुंबई के लिए तेजी से पुनर्विकास करना जरुरी है। इसके लिए हमें दशकों तक चलने वाली परियोजनाएँ नहीं चाहिए। हमें ऐसी परियोजना शुरू करनी चाहिए,जिनका डेढ़ साल के भीतर प्लॉट तैयार करके अगले एक साल में पुनर्वास पूरा होना चाहिए, तभी झुग्गी-मुक्त मुंबई का सपना साकार होगा। यह बदलाव नए विचारों, नई तकनीक और नवाचार के ज़रिए हासिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री क्रेडाई-एमसीएचआई द्वारा आयोजित 'चेंज ऑफ गार्ड' समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि मुंबई में इस समय बड़े पैमाने पर पुनर्विकास का काम चल रहा है। बीडीडी चॉल पुनर्विकास का पहला चरण लोगों को सौंप दिया गया है। इसमें जो लोग लगभग 100 वर्षों से 161 वर्ग फुट के घरों में रह रहे थे, उन्हें अब 500 वर्ग फुट जगह मिल रही है। यह एशिया की सबसे बड़ी शहरी पुनर्विकास परियोजना है। मुंबई में पुनर्विकास के साथ-साथ झुग्गी-झोपडिय़ों का पुनर्विकास एक और बड़ा अवसर है। क्लस्टर विकास भी नए अवसर पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज मुंबई में दुनिया की सबसे बेहतरीन वास्तुकला, प्रतिष्ठित इमारतें और बेहतरीन सुविधाएं हैं। आज निर्माण क्षेत्र में ऐसी तकनीक के कारण 80 मंजिला इमारत केवल 120 दिनों में बनाई जा सकती है। मुख्यमंत्री फडणवीस की उपस्थिति में आज सुखराज नाहर ने क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। इस अवसर पर क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष डोमिनिक रोमल, सचिव ऋषि मेहता, पूर्व सचिव धवल अजमेरा, सीईओ केवल वलंभिया और रियल एस्टेट उद्योग के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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