मुंबई। महाराष्ट्र का सबसे प्रिय पर्व गणेशोत्सव पूरे देश में मशहूर है और गणेश उत्सव को लेकर मुंबई में धूम मची है। 27 अगस्त से शुरू होने वाला यह उत्सव 10 दिनों तक चलेगा। गणेशोत्सव की भव्यता और आस्था की बात की जाये तो सबसे पहला नाम ''लालबागचा राजा'' का लिया जाता है। यह केवल एक मशहूर गणपति मंडल नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं और विश्वास का जीवंत केंद्र है। हर साल गणेश चतुर्थी पर मुंबई का लालबाग क्षेत्र तब एक आध्यात्मिक महासागर में तब्दील हो जाता है, जब भक्तजन नवसाचा गणपति यानी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले ''लालबागचा राजा'' के दर्शन के लिए कई घंटों तक लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। इस राजा की पहचान सिर्फ मन्नतें पूरी करने वाले गणपति के रूप में नहीं, बल्कि इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक एकता से जुड़ी परंपरा के रूप में भी है। लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग-परेल क्षेत्र में स्थित है। यहां देश-विदेश से लोग लालबाग के राजा के दर्शन करने आते हैं। बीते कुछ सालों में लालबाग के राजा की प्रसिद्धि में और इजाफा हुआ है।
इसी बीच ''लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल'' ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर स्पष्ट किया है कि मंडल कोई ''वीआईपी दर्शन पास'' जारी नहीं करता है और न ही दर्शन के लिए कोई शुल्क लेता है। विभिन्न वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रसारित हो रही झूठी सूचनाओं के मद्देनज़र, मंडल ने भक्तों से सतर्क रहने और धोखाधड़ी या गलत सूचना के झांसे में आने से बचने का आग्रह किया है। मंडल ने दोहराया कि कुछ फ़र्ज़ी स्रोत वीआईपी प्रवेश के बारे में गलत अफ़वाहें फैला रहे हैं, जिससे गणेश भक्तों में भ्रम पैदा हो रहा है।
मंडल ने एक सुरक्षित और वास्तविक दर्शन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, राजा के सभी भक्तों को सटीक अपडेट और घोषणाओं के लिए केवल आधिकारिक संचार प्लेटफ़ॉर्म पर ही भरोसा करने की सलाह दी है। गौरतलब है कि ''लालबागचा राजा'' शहर में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले बड़े गणेशोत्सव स्थलों में से एक है। यहां पहले दिन से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। इसी उम्मीद के साथ मंडल का उद्देश्य इस परामर्श के जरिये भक्तों को गुमराह होने या शोषण से बचाना है।
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