
भोपाल। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह की नकारात्मकता देखने को मिली, उससे लग रहा था कि इस बार श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आएगी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से ऐसा साफ हो चला है कि ऐसा नहीं होने जा रहा। आतंकी हमले के विरोध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेनाओं द्वारा पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर एवं पाकिस्तानी इलाकों में की गई एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद इस तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वालों की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा था, उससे लग रहा था कि पिछली यात्रा के एक साल बीतने के बाद इस साल बाबा अमरनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों का रिकॉर्ड टूट जाएगा, संख्या 5.12 लाख को पार कर सकती है। हालांकि इस बार की यात्रा के लिए 37 दिन सुनिश्चित किए गए हैं। जोकि पिछली बार की यात्रा से 15 दिन कम हैं। पिछले सााल अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए तीर्थयात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक कुल 52 दिनों तक चली थी। वहीं, इस साल यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। फिर भी भक्तों का जो अपने भगवान के प्रति दर्शन का उत्साह दिख रहा है, वह अभूतपूर्व है।
इस संबंध में हिस ने जब पर्यटन गतिविधियों और धार्मिक यात्राओं में शामिल संस्थानों के साथ ही यात्रा पर जानेवाले अन्य लोगों से बात की तो वे जहां पहले अमरनाथ यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर निराश दिखाई दे रहे थे, अब उनमें भारी उत्साह दिखा। देश की राजधानी दिल्ली में एक टूरिज्म कंपनी में काम करने वाली पूर्णिमा शर्मा ने बताया, “उनकी कंपनी सिर्फ विदेशी पर्यटकों के लिए काम करती है। भारतीय मूल के कई लोग दुनिया के कई देशों में रहते हैं, उनमें से हर साल बड़ी संख्या में लोग भारत गंगा स्नान एवं पिंडदान करने आते हैं। इस दौरान वे टूरिस्ट पैकेज लेकर कई राज्यों में धार्मिक यात्राएं भी करते हैं। अमरनाथ यात्रा पर भी जाने वालों की अच्छी संख्या रहती है। इस बार भी बुकिंग आई है, जबकि पहले लग रहा था कि पहलगाम आतंकी घटना के बाद संख्या कम होगी, जैसा कि तुरंत में विदेशी पर्यटकों का रुख दिखा भी, पर अब हालात बेहतर हैं, हम उम्मीद कर रहे हैं कि पिछली बार की तरह ही बड़ी संख्या में लोग इस यात्रा में शामिल होंगे।”
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले शरद जैन हरिओमं शिवशक्ति अमरनाथ सेवा मंडल भोपाल के अध्यक्ष हैं, वे कहते हैं, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों में विश्वास जगा है, जहां पहले कई लोग इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने से मना कर रहे थे, अब वे स्वयं आगे आकर कह रहे हैं कि हमारा रजिस्ट्रेशन करवा दो। अभी तक मंडल द्वारा 200 से अधिक शिव भक्तों का ऑनलाइन पंजीयन करवाया गया है। भोपाल के अलावा छिंदवाड़ा, बैतूल, आमला, मुलताई, नर्मदापुरम के भक्त हमारे मंडल से जुड़कर अमरनाथ यात्रा करने हर साल जाते हैं। इस साल भी बड़ी संख्या में भक्त जाएंगे।”
इनकी तरह ही बाबा अमरनाथ सेवा मंडल मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में हर साल श्रद्धालुओं को लेकर अमरनाथ यात्रा पर जाता है। मंडल के अध्यक्ष राम भरोज यादव का कहना है, “अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सीहोर जिले से हजारों यात्री 28 जून से जत्थों में जम्मू के लिए रवाना होंगे। ये यात्री मालवा एक्सप्रेस से यात्रा करेंगे। फिलहाल इस ट्रेन के स्लीपर और एसी कोच में लंबी वेटिंग चल रही है। यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए पूरे यात्रा काल में अतिरिक्त कोच लगाने की मांग मंडल द्वारा पश्चिम रेलवे रतलाम के उप क्षेत्रिय प्रबंधक से की गई है। अभी तक 300 से अधिक पंजीयन कराए जा चुके हैं।”
देश में टूरिज्म की बड़ी कंपनी ‘इण्डियन हॉलिडे’ के सहायक प्रबंधक गंगेश गुंजन का कहना है, “अमरनाथ यात्रा भावात्मक है, इसलिए पहलगाम में जो हुआ, उससे पूरे टूरिज्म सेक्टर में पर्यटन गिरावट दिखाई दे रही थी, वह दौर अब पीछे छूट चुका है। हमारी कंपनी के साथ दक्षिण भारत के राज्यों, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल एवं अन्य कई राज्यों से बुकिंग आई है। पहले लग रहा था कि इस बार कम ही लोग आतंकवादी घटना के बाद इस यात्रा पर जाएंगे, पर हम गलत थे, दिनों दिन संख्या बढ़ती जा रही है।”
गुंजन कहते हैं, “हमारी कंपनी तीन से पांच दिन के ट्रवल टूर में संपूर्ण यात्रा हेलीकॉप्टर एवं हवाई जहाज की मदद से श्रद्धालु की उसके मूल गंतव्य स्थान से लेकर वापिस उसके घर तक पूरा करा देती है, फिर जैसी पर्यटक की अपनी आवश्यकता होती है, उस अनुसार उसके लिए पैकेज उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें होटल में रुकने से लेकर गुफा मंदिर के सभी स्थान यात्रा में शामिल रहते हैं। इसके लिए हम प्राय: छोटे रूट का इस्तेमाल करते हैं, जोकि पहलगाम होकर जाता है और बीच में सिर्फ एक ही ग्लेशियर पड़ता है, इसलिए यह यात्रा मौसम की मार से भी सुरक्षित रहती है। श्राइनबोर्ड की आनेवाली सभी एडवाइजरी का पालन करते हुए हम यात्रा को पूरा करते हैं।”
दूसरी ओर टूरिज्म कंपनी के एक अन्य अधिकारी मंदीप सिंह ने हिस को बताया, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद विदेशों से जम्मू-कश्मीर आए टूरिस्टों की संख्या में कमी आई है, क्योंकि वे सभी अपने देश द्वारा निकाली गई एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए यात्रा करते हैं। इसके बाद भी जब ये घटना घटी थी तब कई लोगों ने अपनी यात्रा रद्द करने के लिए हमारी कंपनी में संपर्क किया था, फिर उनमें से बहुत लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने यात्रा का स्थान बदलवा लिया था, पर अब समय बीतने के साथ बहुत कुछ सामान्य हो चला है, हालांकि अभी विदेशी पर्यटक या कहें श्रद्धालुओं की उतनी संख्या अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीयन नहीं कराई गई है, जितनी कि पिछले साल देखने को मिली थी लेकिन यह संख्या यात्रा के समय तक बढ़ जाएगी, ऐसा विश्वास है।”
उन्होंने इस विश्वास के पैदा होने का कारण केंद्र की मोदी सरकार को बताया और कहा कि जिस तरह से देश के गृहमंत्री अमित शाह बैठकें ले रहे हैं और सुरक्षा के इंतजाम स्वयं से देख रहे हैं। वहीं, श्राइनबोर्ड की एडवाइजरी जो आ रही हैं, ये सभी सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाती हैं। इसलिए हमें उम्मीद है कि इस बार भी अमरनाथ यात्रा करने जाने वाले भक्तगणों में विदेशी एवं एनआरआई भक्तों की बड़ी संख्या रहेगी।
यहां बातचीत में इसी प्रकार का उत्साह उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला है। लखनऊ से श्रीगौरीशंकर अमरनाथ सेवा संगठन के अध्यक्ष अजय खन्ना ने कहा, “बाबा अमरनाथ के दर्शन करने पिछले साल जितने श्रद्धालु गए उससे अधिक इस बार जाएंगे। जिन्हें लग रहा था आतंकी घटना से लोग डर जाएंगे, ऐसा बिल्कुल नहीं दिखता, बल्कि पहले से अधिक उत्साह यात्रा को लेकर भक्तों में दिखाई दे रहा है। महादेव ऊपर शिखर पर विराजमान हैं, चारधाम यात्रा पर भयंकर प्राकृतिक आपदा आने के बाद भी कई गुना भक्तों की संख्या का बढ़ना आज सभी के सामने है। प्रयागराज कुंभ में 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। यहां भी महादेव के भक्त पूरे विश्व से आएंगे और अपनी मंगलमय यात्रा पूरी करेंगे”
खन्ना साथ ही बोले, “वे अमरनाथ हैं, देह की मुक्ति और अमरत्व का इस जीवन में उनके दर्शनमात्र से संदेश हर भक्त को मिलता है। कहीं कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हम यहां हर रोज अमरनाथ यात्रियों के रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।”
इस तरह देखें तो पूरे देश में अमरनाथ यात्रा पर जानेवालों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। देश भर में बड़ी संख्या में भक्त पहले की तरह हर दिन 200 से लेकर 500 के बीच इस धार्मिक यात्रा के लिए श्रीअमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर पंजीकरण कराने आवेदन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां विशेष रूप में अलर्ट मोड में हैं। अरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू स्थित राजभवन में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी जिम्मेदारों को साफ निर्देश दिए कि यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न होनी चाहिए। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू, डीजीपी नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय, सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, नागरिक प्रशासन और केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश की खुफिया एजेंसियों के अन्य टॉप अधिकारी शामिल हुए थे।