जयपुर के एसएमएस अस्पताल में गलत खून चढ़ाने से महिला की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब कोटा शहर से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। गलत खून चढ़ाने से युवक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती और इस वजह से उनके परिवार का चिराग बुझ गया। इस पूरी घटना के बाद अब जांच की जा रही है कि आखिर पूरा मामला क्या है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बारां शहर के केलवाड़ा इलाके में रहने वाला प्रिंस शुक्रवार को अपने पिता कन्हैया लाल के साथ कोटा के जेके लोन अस्पताल आया था।
वह खून चढ़ाने आया था, स्टाफ ने उसे थैलेसीमिया वार्ड में भर्ती कर लिया। वह थैलेसीमिया से पीड़ित था। उसे चढ़ाने के लिए जो खून दिया गया था, वह उसके पिता ने ही लाया था। इसके बाद खून चढ़ाने का काम शुरू किया गया। लेकिन कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। अस्पताल प्रबंधन ने कोटा के जिला अस्पताल एमबीएस अस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया। जांच में उसकी हालत ज्यादा गंभीर लग रही थी। ऐसे में उसे एमबीएस अस्पताल रेफर किया गया और वहीं इलाज शुरू किया गया. लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि प्रिंस को गलत खून चढ़ा दिया गया। वह महज 27 साल का था और कृषि विभाग में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। उधर, अस्पताल प्रबंधन ने ऐसे सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि ऐसी गलती हो ही नहीं सकती। जो ब्लड ग्रुप चढ़ाया गया था, वह सही था। फिलहाल पोस्टमार्टम करवाया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही सबकुछ साफ हो पाएगा. वहीं, प्रिंस के पिता का कहना है कि हम हर कुछ दिन में कोटा आते रहते थे. बेटा बचपन से ही थैलेसीमिया से पीड़ित था। ऐसी गलती कभी नहीं हुई. लेकिन अब प्रिंस हमारे बीच नहीं रहा।
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