राजस्थान की धरती न सिर्फ अपनी वीरता और स्थापत्य कला के लिए जानी जाती है, बल्कि इसकी धरती रहस्यों और चमत्कारों की कहानियों से भी भरी पड़ी है। जयपुर के उत्तर में अरावली पहाड़ियों पर स्थित जयगढ़ किला एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह है, जहां इतिहास, धर्म और भय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जहां एक ओर इस किले को सैन्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर भैरव देवता की रहस्यमयी मौजूदगी इसे आध्यात्मिक और अलौकिक पहचान भी देती है।
भव्यता में छिपा रहस्य
जयगढ़ किले का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1726 में करवाया था। इसे "विजय दुर्ग" भी कहा जाता है, क्योंकि इसे आमेर किले की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था। इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप 'जयवाना' भी मौजूद है। लेकिन इसके अलावा जयगढ़ अपने गहरे तहखानों, गुप्त सुरंगों और रहस्यमयी कहानियों के कारण सालों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता आ रहा है।
भैरव देव की रहस्यमयी उपस्थिति
किले के अंदर एक मंदिर स्थित है- भैरव देव मंदिर, जिसके बारे में मान्यता है कि भैरव बाबा स्वयं किले की रक्षा करते हैं। किले के पहरेदारों और स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में जब किला पर्यटकों के लिए बंद रहता है, तब भी कई लोगों को भैरव देव की उपस्थिति का अहसास हुआ है। कई बार मंदिर से घंटियों की आवाज, दीये की लौ और किसी के चलने की आवाज सुनाई देती है- जबकि वहां कोई नहीं होता। स्थानीय पुजारियों का मानना है कि भैरव देव की कृपा से ही यह किला अजेय और सुरक्षित बना हुआ है।
तहखानों का रहस्य क्या है?
जयगढ़ किले के सबसे रहस्यमयी हिस्सों में से एक इसके तहखाने हैं, जो अभी भी आम जनता के लिए पूरी तरह से खुले नहीं हैं। कहा जाता है कि यहां खजाना, राजपरिवार के गुप्त दस्तावेज और अन्य सैन्य सामग्री छिपी हो सकती है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यहां भूत-प्रेतों की मौजूदगी है, जो हर रात किसी न किसी रूप में दिखाई देते हैं या आभास देते हैं।
भय और भक्ति का अनूठा संगम
भले ही जयगढ़ किले को ऐतिहासिक स्थल के रूप में देखा जाता हो, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को एक अदृश्य भय और रहस्यमयी शक्ति का अनुभव जरूर होता है। एक ओर जहां किले की दीवारें वीरता की गाथाएं बयां करती हैं, वहीं दूसरी ओर भैरव देव का मंदिर लोगों को अलौकिक आस्था और भक्ति से जोड़ता है।कुछ श्रद्धालु यह भी बताते हैं कि जब भी किसी ने भैरव देव के मंदिर का अनादर किया, तो उसे किसी अप्रिय घटना का सामना करना पड़ा। इसके विपरीत जो लोग यहां सच्चे मन से पूजा करते हैं, उन्हें आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
You may also like
पहलगाम आतंकी हमला : भारत के रुख से घबराया पाकिस्तान, बुलाई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक
ससुर को भा गई बहू, बेटे से पहले पिता ने मना ली सुहागरात, युवक के अरमान रह गए अधूरे▫ ♩
बच्चेदानी की सर्जरी के लिए जैसे ही डाॅक्टर्स ने पेट खोला, डर के मारे सहम गए,. तुरंत पुलिस बुला ली▫ ♩
नेवी अफसर विनय के शव से लिपटकर रोईं पत्नी हिमांशी; अंत में सैल्यूट किया और बोलीं- 'जय हिंद'….
ट्रेन के बाथरूम से आ रही थीं बस बस की आवाजें, युवकों ने खोला दरवाजा, देखते ही उड़े होश…. सफर कर रहे युवकों ने महिला को▫ ♩