जब मानसून की पहली बारिश धरती को हरियाली की चादर ओढ़ा देती है, तो मन स्वत: ही प्रकृति की ओर खिंचने लगता है। ऐसे में अगर आप मानसून के मौसम में किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और रोमांच का अद्भुत संगम हो, तो राजस्थान का जवाई बांध (Jawai Dam) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। आमतौर पर रेगिस्तान और सूखी धरती के लिए जाना जाने वाला राजस्थान, मानसून में अपने एक अलग ही रूप में नजर आता है, और जवाई बांध उसी बदलाव का सबसे खूबसूरत उदाहरण है।
कहां स्थित है जवाई बांध?
जवाई बांध राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर और शेरगढ़ के बीच स्थित है। यह बांध जवाई नदी पर बना हुआ है, जो लूणी नदी की सहायक नदी है। यह बांध 1957 में बनाया गया था, और तब से लेकर आज तक यह न सिर्फ सिंचाई और जलापूर्ति का अहम स्रोत बना हुआ है, बल्कि एक शानदार टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है।
मानसून में बदल जाता है नजारा
मानसून के आते ही जवाई बांध का इलाका हरियाली से लद जाता है। जलाशय में पानी का स्तर बढ़ने के साथ-साथ वहां का पूरा वातावरण एक जादुई छटा में बदल जाता है। सुबह-सुबह की धुंध, पक्षियों की चहचहाहट, और आसमान पर इंद्रधनुषी रंगों की आभा – यह सब कुछ मन को शांति और सुकून से भर देता है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो यहां का हर एक दृश्य कैमरे में कैद करने लायक होता है।
लेपर्ड (तेंदुए) की भूमि के रूप में प्रसिद्ध
जवाई बांध का क्षेत्र केवल सुंदर नजारों के लिए ही नहीं, बल्कि वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए भी बेहद खास है। यह इलाका लेपर्ड साइटिंग के लिए जाना जाता है। आसपास की पहाड़ियों और ग्रेनाइट की चट्टानों में कई तेंदुए रहते हैं। मानसून के मौसम में इन तेंदुओं को खुले में देखा जा सकता है। यहां लेपर्ड सफारी का आनंद भी लिया जा सकता है, जिसे स्थानीय गाइड और जीप सफारी ऑपरेटर संचालित करते हैं। अगर आपकी किस्मत साथ दे, तो आप एक या एक से अधिक तेंदुए खुले में घूमते देख सकते हैं।
बर्ड वॉचिंग के लिए स्वर्ग
जवाई बांध में मानसून के दौरान जलभराव होता है, जिससे यहां सैकड़ों प्रवासी और स्थानीय पक्षी देखने को मिलते हैं। फ्लेमिंगो, पेलिकन, क्रेन, किंगफिशर, और विभिन्न प्रकार की बत्तखें यहां के प्रमुख आकर्षण होते हैं। बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए जवाई किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
स्थानीय जीवन और ग्रामीण अनुभव
जवाई बांध क्षेत्र का ग्रामीण जीवन भी पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। रेबारी समुदाय जो कि पारंपरिक चरवाहे होते हैं, अब भी अपनी संस्कृति और जीवनशैली को संजोए हुए हैं। उनके साथ बैठकर चाय पीना, उनके खेतों और पशुओं के बारे में जानना एक अनोखा अनुभव होता है। यह स्थान उन लोगों के लिए भी एक आदर्श है जो शहर की चकाचौंध से दूर रहकर कुछ दिन सादगी में बिताना चाहते हैं।
फोटोग्राफरों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन
प्राकृतिक छटाएं, जंगली जानवर, ग्रामीण जीवन और तेंदुए – ये सब कुछ फोटोग्राफरों के लिए सपनों का कॉम्बिनेशन होता है। मानसून के समय जवाई बांध की सुंदरता अपने चरम पर होती है, और ऐसे में यहां आकर आप न सिर्फ मन को सुकून दे सकते हैं बल्कि अपनी यादों को कैमरे में भी संजो सकते हैं।
कहां ठहरें?
यहां पर कई इको रिसॉर्ट्स, होमस्टे और लग्जरी सफारी कैंप्स उपलब्ध हैं, जो स्थानीय संसाधनों से बनाए गए होते हैं और पारंपरिक राजस्थानी आतिथ्य का अनुभव कराते हैं। कुछ रिसॉर्ट्स तो इस क्षेत्र के पुराने शिकारगाहों को ही लक्ज़री होटलों में बदल चुके हैं, जहां से आप लेपर्ड ट्रैकिंग के लिए सीधा निकल सकते हैं।
कैसे पहुंचें?
नजदीकी रेलवे स्टेशन: फालना (Falna) – लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर।
निकटतम हवाई अड्डा: उदयपुर – लगभग 150 किलोमीटर दूर।
सड़क मार्ग: जयपुर, जोधपुर, उदयपुर से सीधा सड़क मार्ग उपलब्ध है।
कब जाएं?
हालांकि आप जवाई बांध साल भर जा सकते हैं, लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच मानसून के समय यहां का नजारा बेहद मनोरम होता है। उस समय न केवल तेंदुए ज्यादा सक्रिय होते हैं, बल्कि प्रकृति भी अपने सबसे सुंदर रूप में नजर आती है।
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