चौमूं में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का एक दिलचस्प बयान चर्चा का विषय बन गया। वे राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के नवनिर्मित सभा भवन के लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे, जहां उन्होंने मंच से अपने पुराने राजनीतिक साथी और पूर्व विधायक रामलाल शर्मा से हुई बातचीत का ज़िक्र करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज़ में कई बातें कही। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, “जब मैं चौमूं आ रहा था तो गाड़ी में मेरे साथ पूर्व विधायक रामलाल शर्मा बैठे थे। उन्होंने कहा कि अगर आप मेरे प्रचार में आ जाते, तो मैं विधायक बन जाता। मैंने उनसे मज़ाक में कहा कि मेरे कपड़े भी आपने ही फाड़वाए थे।” इस पर रामलाल शर्मा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “कपड़े फट गए इसलिए अब आपका राज आ गया।”
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी इस बातचीत पर तालियाँ बजाईं और माहौल हंसी-ठिठोली से भर गया। इसी दौरान नीचे बैठे कुछ लोगों ने कहा कि “उस समय तो सरकार कांग्रेस की थी।” इस पर मंत्री मीणा ने भी मुस्कुराते हुए कहा कि राजनीति में परिस्थितियाँ और समय दोनों ही बदलाव लाते हैं। यह कार्यक्रम रविवार दोपहर करीब 3 बजे चौमूं में आयोजित किया गया था। मंत्री मीणा ने सभा भवन का लोकार्पण करते हुए कहा कि राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ समाज के उत्थान और संगठन की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा, “समाज तभी मजबूत होता है जब शिक्षा, संगठन और सेवा के तीनों स्तंभ सशक्त हों। हमें मिलजुलकर प्रदेश और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए।”
मंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं से भी अपील की कि वे राजनीति से पहले समाज सेवा और शिक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि मीणा समाज ने हमेशा राजस्थान की राजनीति में अहम भूमिका निभाई है और आगे भी यही जिम्मेदारी निभाता रहेगा। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। मंच से मंत्री मीणा ने क्षेत्र के विकास कार्यों का भी ज़िक्र किया और कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार योजनाएँ ला रही है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग प्रदेशभर में नई तकनीकों और योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है।
किरोड़ी लाल मीणा का यह बयान भले ही मज़ाकिया लहजे में दिया गया हो, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे पूर्व विधायक रामलाल शर्मा के साथ उनकी पुरानी राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। चौमूं में लोगों ने इसे “दो पुराने साथियों की दोस्ताना नोकझोंक” के रूप में लिया, जबकि कुछ ने कहा कि यह बात मंत्री की स्पष्टवादिता और बेबाक शैली को दर्शाती है। कुल मिलाकर, चौमूं का यह कार्यक्रम न केवल समाजिक एकता का प्रतीक बना, बल्कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बयानों ने इसे एक यादगार राजनीतिक चर्चा का विषय भी बना दिया।
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