राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के दुग्ध उत्पादकों के लिए भजनलाल सरकार की ओर से नई योजना शुरू की गई है। इसके तहत दूध पर 2 रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त बोनस, स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा, बायोगैस प्लांट पर सब्सिडी, बेटियों की शादी के लिए 21 हजार रुपए और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के आधुनिकीकरण जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। आपको बता दें कि इस योजना से प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा।
इन जिलों के लिए लागू होगी योजना
डेयरी विभाग की ओर से इन जिलों के दुग्ध संघों को और मजबूत किया जाएगा। जिलों के पंजीकृत दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के विकास और डेयरी संयंत्रों के उन्नयन के लिए विशेष योजना शुरू की जाएगी। जानकारी के अनुसार, गुजरात की सीमा से सटे राजस्थान के चार जिलों (उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा) में यह योजना लागू की जाएगी। इसके लिए मंत्री जोराराम कुमावत ने राजस्थान सहकारी डेयरी संघ की एमडी श्रुति भारद्वाज को निर्देश दिए हैं।
प्रति लीटर 2 रुपए का अतिरिक्त बोनस मिलेगा
गौरतलब है कि राज्य सीमा नीति के तहत सीमावर्ती जिलों के दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपए की सब्सिडी के अलावा 2 रुपए प्रति लीटर बोनस दिया जाएगा। इन जिलों में औसतन प्रतिदिन 1.75 लाख किलो दूध का उत्पादन होता है। इससे प्रदेश के 20 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा मिलेगा। जिसमें उदयपुर के करीब 11 हजार, रानीवाड़ा-जालोर के करीब 5 हजार, बाड़मेर के करीब 2 हजार और बांसवाड़ा डेयरी संघ के करीब 2 हजार पशुपालक किसानों को फायदा मिलेगा।
कितना मिलेगा स्वास्थ्य कवर?
इस योजना के तहत चारों जिलों के सभी दुग्ध उत्पादकों को दस प्रतिशत राशि में 2.5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर दिया जाएगा। इसके साथ ही 14 रुपए में 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा देने की भी योजना बनाई गई है। अगर बीमाधारक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो परिवार को 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा, जबकि अगर बीमाधारक दुर्घटना में विकलांग हो जाता है तो सरकार उसे 2.5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करेगी।
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