उत्तराखंड में शहीद हुए अग्निवीर की DNA टेस्ट से पहचान हो गई, जिसके बाद करौली में सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। यह घटना धराली आपदा के दौरान हुई थी, जिसमें कई सैन्य कर्मियों की जान गई थी।
शहीद की पहचानउत्तराखंड में धराली आपदा के दौरान मारे गए शहीद अग्निवीर का शव कई दिनों तक पहचान के लिए पड़ा रहा। DNA परीक्षण के माध्यम से उनकी पहचान की गई और रिपोर्ट के बाद शहीद की पहचान कर उनके परिवार को सूचित किया गया। इसके बाद शहीद के घरवालों और समाज में गम का माहौल छा गया, लेकिन उनका बलिदान पूरे क्षेत्र में सम्मानित किया गया।
करौली में अंतिम संस्कारशहीद की शरीर की प्राप्ति के बाद, उनका अंतिम संस्कार करौली में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सैन्य अधिकारियों, पुलिस, और क्षेत्रीय नेताओं ने शहीद के परिवार के साथ मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे गांव और इलाके के लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे और उनकी वीरता को याद किया।
धराली आपदा का संदर्भधराली आपदा में मारे गए सैन्य कर्मी इस आपदा के दौरान हिमालयी क्षेत्र में काम कर रहे थे। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सैनिक और नागरिक लापता हो गए थे, और बाद में कुछ के शवों की पहचान की गई। इस आपदा ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया, लेकिन शहीद सैनिकों की वीरता और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।
परिवार की स्थितिशहीद के परिवार ने बड़े ही साहस के साथ इस कठिन समय का सामना किया। उनके परिवार का कहना है कि उनका बेटा देश की सेवा में हमेशा तत्पर था, और उसकी शहादत ने परिवार को गर्व महसूस कराया, हालांकि वे उसे खोने के दुख से उबरने में समय लगेगा।
सैन्य सम्मान की प्रक्रियाअंतिम संस्कार से पहले शहीद को सैन्य सम्मान दिया गया, जिसमें फूलों की चादर और सैन्य ध्वज से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर सीओ करौली समेत कई वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। शहीद को उनके परिवार वालों और स्थानीय लोगों की ओर से सम्मानित किया गया और उन्हें शहीद के बलिदान के लिए सलाम किया गया।
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