राजस्थान सरकार द्वारा एसआई भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द न करने का स्टैंड लेने के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कोर्ट में इस दलील के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने किरोड़ी लाल मीना पर निशाना साधा है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि सत्य और असत्य के बीच की रेखा स्पष्ट होनी चाहिए, धुंधली नहीं होनी चाहिए। पीसीसी चीफ ने कहा, "एसआई भर्ती को लेकर भाजपा सरकार द्वारा लिया गया निर्णय युवाओं के साथ विश्वासघात है, मंत्री के माहौल, बयानों और हंगामे के विपरीत है। सत्ता में आने के बाद भाजपा इस भर्ती को रद्द करने से इनकार कर रही है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछे ये सवाल
डोटासरा ने कहा कि अब इस भर्ती को लेकर भाजपा सरकार का निर्णय उनकी कथनी और करनी में अंतर और उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है। युवाओं के साथ धोखा करने वाले भाजपाइयों को अब जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सवाल भी पूछे-
भाजपा सरकार और कृषि मंत्री बताएं कि एसआई भर्ती को लेकर राजस्थान के 9 लाख लोगों की भावनाओं का क्या होगा?
मंत्री जी को यह भी बताना चाहिए कि क्या "जनभावना के साथ खड़े होने" का दंभ सिर्फ सत्ता हथियाने की साजिश थी?
भाजपा पर भी लगाए ये आरोप
पीसीसी चीफ ने भाजपा पर आरोप लगाया, "भर्ती परीक्षा को लेकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाए। भर्ती रद्द करने का वादा करके युवाओं के सपनों को लूटा और सत्ता हासिल की।प्रधानमंत्री मोदी ने भी खुद भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठाए थे। 'पूरी चयन प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाना ठीक नहीं', सरकार के इस बयान से साफ है कि युवाओं के साथ धोखा हुआ है, उन्हें भ्रमित करने के लिए ही माहौल बनाया गया।"
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