गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके गिरोह के खिलाफ जयपुर के करधनी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 111 के तहत मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि राज्य में इस धारा के तहत दर्ज यह पहली एफआईआर है। यह धारा विशेष रूप से संगठित अपराध से निपटने के लिए बनाई गई है, जिसमें जटिल आपराधिक नेटवर्क से निपटने के लिए स्पष्ट परिभाषाएँ और व्यापक प्रावधान दिए गए हैं।
लॉरेंस गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
रिपोर्ट में लॉरेंस के सहयोगी अनमोल बिश्नोई, रोहित गोदारा और अमरजीत समेत कई सदस्यों के नाम शामिल हैं। अगर राज्य का कोई भी अपराधी इस गिरोह के किसी सदस्य के संपर्क में आता है, तो उसे इस रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस उपायुक्त अमित कुमार बुडानिया ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद लॉरेंस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों सूरज, इमरान और भवानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। करधनी थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया कि इन तीनों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं।
आरोपियों ने कबूला जुर्म
यह बात सामने आई है कि लॉरेंस गिरोह विदेशों से सोने की तस्करी करता है और फिरौती की रकम से सोना खरीदकर विभिन्न हवाई अड्डों पर पहुँचाता है। फिरौती की रकम इमरान के घर आती थी, जिसे बाद में दूसरे सदस्यों को भेज दिया जाता था। आरोपियों ने कबूल किया कि वे लंबे समय से सोने की तस्करी में शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, भवानी की बहन सुधा कंवर भी गिरोह की सक्रिय सदस्य है और इस समय अमरजीत के साथ इटली में है।