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कोर्ट का कड़ा फैसला! बुजुर्ग महिला से रेप-हत्या के आरोपी को सुनाई सजा-ए-मौत, ऐसी सोच रखने वालों को दी सख्त चेतावनी

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डूंगरपुर के सागवाड़ा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा- अपराधी को ऐसी सजा दी जाए, जिससे भविष्य में ऐसी सोच रखने वाले की रूह कांप जाए और पीड़ितों का प्रशासन पर विश्वास बरकरार रहे। कोर्ट ने कहा- इस मामले में अपराधी को फांसी की सजा देना ही एकमात्र विकल्प है। मृतका के मान-सम्मान को भी ठेस पहुंची है। महिला के पति और परिवार के लिए यह जीवनभर का सदमा है। महिला की मौत के बाद पति और परिवार को ऐसा सदमा लगा है, जिसे वे जीवनभर नहीं भूल पाएंगे। कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

बुजुर्ग महिला लहूलुहान हालत में पड़ी मिली
लोक अभियोजक निखिल सोमपुरा ने बताया- डूंगरपुर जिले के कुआं थाना क्षेत्र में बुजुर्ग दंपती गांव में अलग मकान में रहते थे। 3 जून 2022 को उनकी पोती उन्हें खाना देने उनके घर गई थी। उन्हें खाना खिलाकर वह अपने घर लौट रही थी। इस दौरान उसने अपने दादा के चिल्लाने की आवाज सुनी। इस पर वह दौड़कर अपने दादा-दादी के पास पहुंची तो उसकी दादी लहूलुहान हालत में पड़ी थी।

चाकू से किया हमला
सरकारी वकील ने बताया- बुजुर्ग महिला के गुप्तांग व शरीर के अन्य हिस्सों से खून बह रहा था। पड़ोस में रहने वाला एक व्यक्ति नशे की हालत में उनके घर में घुस आया और महिला के साथ जबरदस्ती करने लगा। बुजुर्ग महिला ने जब उसका विरोध किया तो उसने चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया और उसके गुप्तांग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद उसे खून बहने लगा। घटना के बाद वह मौके से फरार हो गया।

इलाज के दौरान मौत
सरकारी वकील ने बताया- महिला की हालत गंभीर होने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। पुलिस ने दुष्कर्म व हत्या का मामला दर्ज कर 6 जून 2022 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जांच पूरी कर सागवाड़ा कोर्ट में चालान पेश किया गया। इस मामले में कोर्ट ने आज अंतिम सुनवाई की और आरोपी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

उदयपुर में एक महिला की हत्या कर उसके जेवर लूट लिए गए। फिर शव को जला दिया गया और हड्डियों को बांध में फेंक दिया गया। आरोपी ने यह पूरी प्लानिंग 'दृश्यम' फिल्म देखकर की थी। उसे लगा कि अगर शव नहीं मिला तो केस नहीं बनेगा। वह तीन महीने तक पुलिस को गुमराह करता रहा।

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