राजधानी जयपुर में आज कैब कंपनियों की कारें और बाइक हड़ताल पर हैं। ओला, उबर और रैपिडो जैसे मोबाइल ऐप पर चलने वाली टैक्सियां और बाइक कैब आज हड़ताल पर चली गई हैं। बताया जा रहा है कि हड़ताल के कारण 2 हजार से ज्यादा टैक्सियों का चक्का जाम हो गया है। इसका सीधा असर आम यात्रियों पर देखने को मिल रहा है, जो रोजाना इन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
हड़ताल का नेतृत्व राजस्थान वाहन चालक संगठन और क्रांतिकारी टैक्सी यूनियन कर रही है। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी कई मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। यूनियन की मुख्य मांगों में न्यूनतम किराया तय करना, हर कैब कंपनी का स्थानीय कार्यालय होना, ड्राइवरों को बीमा और सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराना और बिना कमर्शियल परमिट के चल रही प्राइवेट नंबर प्लेट बाइक टैक्सियों पर रोक लगाना शामिल है।
प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों का कहना है कि ऐप कंपनियां मनमाने तरीके से किराया तय करती हैं, जिससे ड्राइवरों को उचित आय नहीं हो पाती है। साथ ही प्राइवेट नंबर वाली बाइकों ने ड्राइवरों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है। हालांकि ऑटो रिक्शा यूनियन ने खुद को इस हड़ताल से दूर रखा है। हड़ताल कब तक जारी रहेगी, इस बारे में अभी कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। लेकिन यूनियन ने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
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