Next Story
Newszop

उदयपुर में कोटड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की खस्ताहाल इमारत, वीडियो में जानें 500 छात्रों को जान का जोखिम

Send Push

राजस्थान के उदयपुर जिले के कोटड़ा ब्लॉक स्थित बुढिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर संचालित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की हालत बेहद चिंताजनक है। स्कूल भवन के पांच में से तीन कक्षा-कक्षों को बंद करना पड़ा है, क्योंकि उनकी स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि वे कभी भी गिर सकते हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों की जान को भी गंभीर खतरे में डाल रही है।

बंद किए गए तीनों कमरों की छतों और दीवारों में दरारें आ चुकी हैं और प्लास्टर तक झड़ चुका है। स्कूल प्रशासन ने मजबूरी में इन कक्षों को बंद कर दिया है ताकि कोई हादसा न हो। लेकिन स्थिति इससे बेहतर नहीं है, क्योंकि बाकी बचे दो कमरे भी जर्जर अवस्था में हैं, और इन्हीं दो कमरों में करीब 500 छात्र अध्ययन करने को मजबूर हैं।

सुरक्षा से खिलवाड़

स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि स्कूल की स्थिति कई महीनों से लगातार बिगड़ती जा रही है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिक्षा विभाग व पंचायत समिति को लिखित रूप से सूचना दी गई, लेकिन न तो भवन की मरम्मत करवाई गई और न ही वैकल्पिक व्यवस्था की गई।

शिक्षकों की चिंता

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि वे हर दिन दहशत में पढ़ा रहे हैं। “छत से अक्सर मलबा गिरता है, दीवारें कमजोर हो चुकी हैं। बच्चों को एक साथ एक ही कमरे में बिठाना भी सुरक्षित नहीं है, लेकिन कोई और विकल्प नहीं है,” एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।

बच्चों की पढ़ाई पर असर

भीषण गर्मी और बरसात के मौसम में बच्चों को खिड़की-रहित और दरारों से भरे कमरों में बिठाना स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए भी नुकसानदेह है। पढ़ाई में भी लगातार बाधा आ रही है, जिससे परीक्षा परिणामों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

ग्रामीणों की मांग

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से स्कूल की तत्काल मरम्मत या पुनर्निर्माण की मांग की है। साथ ही जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक अस्थायी कक्षा-कक्ष या कंटेनर क्लासरूम जैसी व्यवस्था की मांग भी जोर पकड़ रही है।

प्रशासन की चुप्पी

अब तक इस मामले में शिक्षा विभाग या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे नाराजगी और भी बढ़ गई है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

यह स्थिति न केवल शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर सवाल उठाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की बदहाली का एक गंभीर उदाहरण भी है। सरकार यदि "सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा" जैसे अभियानों को सफल बनाना चाहती है, तो ऐसे मामलों में तत्काल हस्तक्षेप और समाधान जरूरी है

Loving Newspoint? Download the app now