राजस्थान में गुरुवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब 40 सवारियों से भरी एक बस बनास नदी के तेज बहाव में फंस गई। ड्राइवर ने कई बार बस को आगे-पीछे करने की कोशिश की, लेकिन पानी के दबाव के कारण वाहन हिल भी नहीं सका। करीब आधे घंटे तक बस नदी के बीचों-बीच अटकी रही और यात्रियों में हड़कंप मचा रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना टोंक जिले की सीमा से सटे क्षेत्र में हुई, जब बस गांवों से यात्रियों को लेकर दूसरे किनारे जा रही थी। बनास नदी में हाल ही में हुई बारिश के कारण पानी का स्तर बढ़ा हुआ था, बावजूद इसके ड्राइवर ने बस नदी पार करने की कोशिश की।
जैसे ही बस नदी के बीच पहुंची, तेज बहाव और दलदली तल के कारण उसके पहिए धंस गए। बस बीच में रुक गई और पानी उसकी खिड़कियों के नीचे तक पहुंच गया।
बस में सवार यात्रियों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। पानी बढ़ता देख यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। ड्राइवर ने तुरंत लोगों को शांत रहने के लिए कहा और बस को निकालने का प्रयास जारी रखा, लेकिन असफल रहा।
इसी बीच, कुछ ग्रामीणों ने घटना देखी और तुरंत राजस्थान आपदा राहत दल (SDRF) और पुलिस प्रशासन को सूचना दी। स्थानीय लोग रस्सियों और ट्रैक्टरों की मदद से मौके पर पहुंचे और यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाला।
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद सभी 40 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
थाना अधिकारी सुरेश मीणा ने बताया, “बस चालक ने जल्दबाजी में खतरा उठाया। पानी का बहाव अनुमान से ज्यादा था। बस को निकालने के लिए ट्रैक्टर और जेसीबी की मदद ली जा रही है।”
स्थानीय प्रशासन ने कहा कि नदी के ऊपर बना अस्थायी मार्ग हाल में बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया था, बावजूद इसके कुछ वाहन चालक वहां से गुजरने की कोशिश कर रहे थे। अब वहां यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है और चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस स्थान पर स्थायी पुलिया का निर्माण करवाया जाए, क्योंकि हर साल बारिश के मौसम में यहां इसी तरह के हादसे होते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि पानी का वेग चाहे मामूली ही क्यों न लगे, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। ड्राइवर की सूझबूझ और ग्रामीणों की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया, नहीं तो परिणाम भयावह हो सकते थे।
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