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रूपवास चंबल प्लांट में सफाई के दौरान बड़ा हादसा, बिना सुरक्षा उपकरण उतरे दो कर्मियों में से एक की टैंक में डूबने से मौत

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कस्बे के धौलपुर रोड के पास स्थित चंबल फिल्टर प्लांट में रिसाइकिल पानी की टंकी की सफाई करते समय एक कर्मचारी डूब गया। जिससे युवक की मौत हो गई। जिम्मेदार अधिकारी बिना सुरक्षा उपकरणों के दो कर्मचारियों से टंकी की सफाई करवा रहे थे। फिल्टर प्लांट की टंकी के चारों ओर ढाई फीट गहरा नाला है, जिसमें कर्मचारी 15 फीट गहरी टंकी की सफाई कर रहे थे। तभी एक कर्मचारी विजेंद्र पुत्र मुरारी लाल निवासी नगला झोर थाना दीवार पर पैर रखकर टंकी की सफाई कर रहा था, तभी उसका पैर फिसल गया। 

इसके बाद वहां मौजूद अन्य युवक ने घटना की जानकारी चंबल परियोजना के बाकी कर्मचारियों को दी। आनन-फानन में युवक को पानी की टंकी में ढूंढने का काफी प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई। सूचना मिलने पर थाने से एएसआई राकेश कुमार जाप्ता के साथ मौके पर पहुंचे। युवक के पानी में डूबने की सूचना एसडीआरएफ टीम को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे स्थानीय निवासी रोहिताश कश्यप व जुगलकिशोर ने युवक को रेस्क्यू कर पानी से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

टैंक 15 फीट गहरा था, पैर फिसलने से हुआ हादसा

चंबल परियोजना के एक्सईएन गोकुलेश देशवाल ने बताया कि चंबल फिल्टर प्लांट रूपवास से पानी की सप्लाई होती है। प्लांट में दीवार के आसपास पानी की गंदगी को रिसाइकिल वाटर टैंक में साफ किया जाता है। विजेंद्र पुत्र मुरारी लाल निवासी नगला झोर थाना रुदावल अपने एक अन्य साथी के साथ टैंक की सफाई कर रहा था।

विजेंद्र करीब डेढ़ साल से संविदा पर कार्यरत था। वह वहां रस्सियों के सहारे काम कर रहा था। अचानक उसका पैर फिसल गया। वह टैंक के अंदर गिर गया। उसके अन्य साथियों ने घटना के बारे में सभी अधिकारियों को बताया। मृतक के भाई अशोक पुत्र मुरारीलाल ने मर्ग रिपोर्ट दर्ज कराई। मर्ग रिपोर्ट के आधार पर युवक के शव का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया गया। दो दिन पहले चंबल लाइन के लिए खोदे गए गड्ढे पर मिट्टी का टीला गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई थी।

इस हादसे ने चंबल परियोजना के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही को उजागर किया है। 15 फीट गहरे पानी के टैंक की सफाई करने उतरे कर्मचारियों को कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे। कर्मचारियों से बिना सेफ्टी बेल्ट, जूते और दस्ताने पहने ही टैंक की सफाई करवाई जा रही थी। जबकि दो दिन पहले चंबल परियोजना की पाइप लाइन खोदने के लिए खोदे गए गड्ढे पर मिट्टी का टीला गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। फिर भी अधिकारियों ने इस घटना से कोई सबक नहीं लिया।

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