नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच उदयपुर ज़िले के 33 यात्री फंस गए हैं। शहर के पनेरियो के मदारी के अलावा, ये सभी ज़िले के वल्लभनगर, खरसाण क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने मंगलवार सुबह पशुपतिनाथ के दर्शन किए और उसके बाद उन्हें नेपाल के पर्यटन स्थलों पर जाना था। लेकिन, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण वे दर्शन नहीं कर पाए और उन्हें होटल में ही शरण लेनी पड़ी। खरसाण के पूर्व सरपंच भगवतीलाल मेनारिया ने बताया कि सभी यात्री होटल में सुरक्षित हैं। हालात बिगड़ते देख यात्रियों के समूह ने बुधवार को लौटने का फ़ैसला किया, लेकिन हालात और बिगड़ने पर वे वापस नहीं जा सके। नेपाली सेना ने सभी यात्रियों को सुरक्षित होटल पहुँचाया।
यात्रियों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया
इस दौरान, यात्रियों ने भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया। इस दौरान दूतावास ने उन्हें वहीं रहने को कहा जहाँ वे हैं। आज यानी गुरुवार सुबह सभी यात्रियों के नेपाल से रवाना होने की उम्मीद है। बुधवार को उदयपुर ज़िला प्रशासन ने भी यात्रियों से संपर्क किया।
सांसद ने विदेश मंत्री से किया संपर्क
नेपाल में फंसे जिले के 33 यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सांसद ने बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पत्राचार किया। उन्होंने नेपाल के विभिन्न स्थानों पर फंसे उदयपुर के नागरिकों की सुरक्षा और वापसी की व्यवस्था का अनुरोध किया। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने बताया कि पानेरियो की मादड़ी से यात्रा पर गए 33 लोगों के नेपाल में फंसे होने की जानकारी मिली है।
अन्य यात्रियों की जानकारी जुटाई जा रही है
यात्रियों की सूची मंत्रालय को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर विदेश मंत्रालय ने सभी को सुरक्षित भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनके अलावा, नेपाल में फंसे उदयपुर के कुछ और लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिए सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
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