एनडीटीवी ने दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में अपने विशेष कार्यक्रम 'क्रिएटर्स फोरम' का आयोजन किया। इस फोरम में बॉलीवुड के दिग्गज गीतकार और लेखक जावेद अख्तर, कवि कुमार विश्वास, फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली और उपन्यासकार चेतन भगत ने हिस्सा लिया। इस मौके पर जावेद अख्तर ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और हाल की चर्चित घटनाओं पर अपनी बेबाक राय रखी।
सोनम और मुस्कान मामले पर जावेद अख्तर के बेबाक बोल
जावेद अख्तर से सोनम रघुवंशी और मुस्कान के हालिया मामलों पर सवाल पूछे गए, जहां दोनों महिलाओं ने अपने पतियों की हत्या करवा दी। इन घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। जावेद ने कहा कि इन घटनाओं पर उनकी मिली-जुली भावनाएं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब महिलाएं अपने पतियों द्वारा हिंसा का शिकार होती हैं, तो समाज चुप क्यों रहता है? उन्होंने कहा, "दो महिलाओं ने अपने पतियों की हत्या करवा दी, इससे समाज को झटका लगा। लेकिन हर दिन महिलाओं को जिंदा जला दिया जाता है या उन्हें घर में पीटा जाता है, फिर समाज को परवाह क्यों नहीं होती?"
महिलाओं पर अत्याचार और शादी का दबाव
जावेद अख्तर ने साफ तौर पर कहा कि इन महिलाओं का कृत्य गलत है, लेकिन समाज को सोचना चाहिए कि क्या उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है। उन्होंने कहा, "भारत के एक छोटे शहर की लड़की के लिए अपने माता-पिता से यह कहना आसान नहीं है कि वह शादी नहीं करना चाहती।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार बंद नहीं हुआ तो ऐसी घटनाएं बढ़ती रहेंगी।
सामाजिक बदलाव की जरूरत
जावेद अख्तर ने समाज से महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज को महिलाओं पर पुरुषों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना वह इन हत्याओं पर दे रहा है। इस मंच ने न केवल रचनात्मक चर्चा को बढ़ावा दिया बल्कि सामाजिक मुद्दों पर गहन बातचीत को भी जन्म दिया।
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