जब भी राजस्थान घूमने की बात होती है, तो जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जैसे शहरों का नाम सबके ज़हन में आता है। लेकिन आज हम आपको एक बेहद शांत और खूबसूरत जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। राजस्थान का प्रतापगढ़ ज़िला अद्भुत और शांत वातावरण के साथ घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ लोगों को प्राकृतिक सुंदरता के साथ एक अविस्मरणीय अनुभव मिलता है।
सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य
प्रतापगढ़ से लगभग 45 किलोमीटर दूर, सीतामाता अभयारण्य प्रतापगढ़ ज़िले का सबसे प्रसिद्ध और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर पर्यटन स्थल है। आपको बता दें कि इसका नाम पौराणिक पात्र माता सीता के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि रावण से मुक्ति मिलने के बाद माता सीता ने यहीं रहकर तपस्या की थी, इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी है। उड़न गिलहरी के लिए भी इस जगह की अपनी एक अलग पहचान है।
देवगढ़
प्रतापगढ़ ज़िले से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित देवगढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध स्थान है। यहाँ स्थित देवगढ़ किला और महल मेवाड़ की स्थापत्य कला का एक अनूठा उदाहरण हैं। यह किला ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से आसपास के क्षेत्र का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।
जाखम बाँध
प्रतापगढ़ से लगभग 35 किलोमीटर दूर जाखम बाँध, प्रतापगढ़ का एक प्रमुख पिकनिक स्थल और जल संग्रहण परियोजना है। यह बाँध जाखम नदी पर बना है और सुंदर प्राकृतिक घाटियों से घिरा हुआ है। हरे-भरे पेड़, पहाड़ और झीलें इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाती हैं। कई लोग यहाँ नौका विहार, फोटोग्राफी और प्रकृति की सैर के लिए आते हैं। मानसून में जब बाँध पूरी तरह भर जाता है, तो इसका दृश्य अत्यंत मनमोहक हो जाता है।
सिद्धेश्वर बालाजी मंदिर
प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी कस्बे में स्थित यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले का एक रहस्यमयी और लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के बालाजी स्वयंभू हैं और यहाँ की मूर्ति चमत्कारी मानी जाती है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण, सुंदर वास्तुकला और भक्ति के लिए प्रसिद्ध है। कुछ समय पहले यह मंदिर तब चर्चा में आया था जब यहाँ से रहस्यमय तरीके से चोरी हुआ दानपात्र कुछ दिनों बाद उसी स्थान पर एक दीपक सहित वापस मिला था, जिससे भक्तों की आस्था और बढ़ गई थी।
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