अफ़ग़ानिस्तान के पक्तिका प्रांत के अरघुन ज़िले में हुए एक हमले में 10 लोगों की मौत हो गई है. इनमें तीन क्रिकेटर भी हैं.
इस हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अगले महीने से होने वाली तीन देशों की टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला किया है.
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने इस हमले को "कायराना हमला" कहा है और हमले में तीन क्रिकेट खिलाड़ियों क़बीर, सिबग़तुल्लाह और हारून की मौत की जानकारी दी है.
बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सरकार और सेना ने इस संबंध में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की तरफ़ से इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बीबीसी इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाया है.
एसीबी ने क्या कहा?एसीबी ने इस हमले के बाद तीन देशों की टी20 सिरीज़ से पीछे हटने की बात की है.
बोर्ड ने कहा, "खिलाड़ियों के सम्मान और इस दुखद घटना की प्रतिक्रिया के रूप में अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आगामी नवंबर महीने के अंत में पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला लिया है."
ये सिरीज़ 17 से 29 नवंबर के बीच पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका के बीच लाहौर और रावलपिंडी में खेली जानी थी.
बोर्ड का कहना है कि खिलाड़ी एक फ्रेंडली क्रिकेट मैच में हिस्सा लेने के लिए पक्तिका प्रांत की राजधानी शारना गए थे. वहाँ से अरघुन लौटने के बाद एक सभा में उन्हें निशाना बनाया गया.
बोर्ड ने इसे अफ़ग़ानिस्तान के खेल, खिलाड़ियों और क्रिकेट के लिए बड़ा नुक़सान क़रार दिया है.
घटना की चौतरफ़ा निंदा
अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन ने पाकिस्तानी सेना की तरफ़ से स्थानीय अफ़ग़ान क्रिकेट टीम पर बमबारी की कड़ी निंदा की है.
फाउंडेशन ने कहा है कि आम लोगों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर का उल्लंघन है.
फाउंडेशन ने सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों से अपील की है कि वे जल्द घटना की जांच करें और अफ़ग़ान नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा के पैटर्न की पड़ताल करें.
इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी इस घटना पर दुख जताया है.
अफ़ग़ानिस्तान के स्टार खिलाड़ी राशिद ख़ान ने हमले को 'त्रासद' बताया है और कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ से पीछे हटने के एसीबी के फ़ैसले का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा, "नागरिकों को निशाना बनाया जाना पूरी तरह से अनैतिक और बर्बर है. इस तरह के ग़ैर-क़ानूनी और अन्यायपूर्ण एक्शन मानवाधिकारों का उल्लंघन है."
मोहम्मद नबी ने इसे क्रूर हमला करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल पक्तिका के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत और अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत दुख की बात है.
गुलबदीन नायब ने इस हमले को 'पाकिस्तानी सेना की क्रूर हरकत' क़रार दिया. उन्होंने कहा, "यह हमारे लोगों, गौरव और स्वतंत्रता पर हमला है. लेकिन यह अफ़ग़ानिस्तान के जज़्बे को कभी नहीं तोड़ पाएगा."
बीबीसी पश्तो के मुताबिक़, मोहम्मद नबी ने कहा, "यह घटना न केवल पक्तिका के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट परिवार और अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत दुख की बात है. हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे."
वहीं हशमतुल्लाह शाहिदी ने कहा, "ये खिलाड़ी शांति, गौरव और देश के प्रतिनिधि थे. उन्होंने गेंद और बल्ले से देश का नाम रोशन किया."
घटना के बारे में और क्या कुछ पता हैअफ़ग़ानिस्तान तालिबान ने इस हमले को "अपराध" क़रार दिया है और कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक दोनों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता, सेना को किसी तरह की गतिविधि से बचना चाहिए.
बीबीसी पश्तो सेवा के अनुसार, पक्तिका हमले में हताहतों की संख्या के बारे में अभी पुख्ता जानकारी नहीं है.
हालांकि अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से संचालित रेडियो और टेलीविज़न का कहना है कि हमले में दस लोग मारे गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, "पक्तिका के अरघुन ज़िले और बरमल ज़िलों में पाकिस्तान की तरफ़ से हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 10 लोग मारे गए और 13 घायल हुए हैं."
तालिबान सरकार के एक प्रांतीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि शुक्रवार शाम, "पक्तिका के ख़ानदार गांव में एक व्यक्ति के घर पर बमबारी हुई, इसमें कई लोग मारे गए."
बीबीसी पश्तो सेवा के अनुसार, स्थानीय लोगों ने बताया है कि वहाँ क्रिकेट मैच चल रहा था. जिस वक़्त हवाई हमला हुआ, कुछ युवा रात के खाने के समय एक घर पर जुटे थे.
हमले में ज़ख़्मी लोगों का कहना है कि हमले के बाद इस इलाक़े में अधिक लोग इकट्ठा हो गए. इसके बाद दूसरा हमला किया गया, जिस कारण कई लोग हताहत हुए.
युद्धविराम पर चल रही बातचीत
बीते दिनों पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच कई झड़पों के बाद दोनों 48 घंटे के संघर्षविराम पर सहमत हुए थे.
दोनों के बीच क़तर की मध्यस्थता में दोहा में बातचीत चल रही है. शुक्रवार को दोनों के बीच 48 घंटों के युद्धविराम को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच दोहा में चल रही बातचीत नतीजे तक न पहुँचने पर युद्धविराम बढ़ाने की बात हुई थी.
अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के पास पाकिस्तान के उत्तरी वज़ीरिस्तान ज़िले में एक आत्मघाती हमले में सात पाकिस्तानी नागरिकों की मौत के कुछ घंटों बाद दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम बढ़ाने पर सहमति बनी थी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के बयान के अनुसार, इस हमले में छह विद्रोहियों को मार दिया गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, युद्धविराम आगे बढ़ाने की ख़बर के कुछ देर बाद पक्तिका प्रांत के पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल माविया ने कहा कि पाकिस्तान ने अरघुन और बरमल में हवाई हमले किए हैं.
अफ़ग़ानिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट टोलो न्यूज़ के अनुसार, दोहा में बातचीत के लिए पाकिस्तान की तरफ़ से रक्षा मंत्री ख़्वाज़ा आसिफ़ और ख़ुफ़िया प्रमुख आसिम मलिक शामिल हैं.
वहीं अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उनकी तरफ़ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद कर रहे हैं.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को सुलझाना उनके लिए आसान है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने आठ युद्ध रुकवाए हैं.
ट्रंप ने कहा, "मैं समझता हूँ कि पाकिस्तान ने हमला किया है या अफ़ग़ानिस्तान पर हमला हो रहा है. अगर मुझे इसे सुलझाना हो तो यह मेरे लिए आसान है."
उन्होंने कहा, "इस बीच मुझे अमेरिका को भी चलाना है, लेकिन मुझे जंग सुलझाना पसंद है. पता है क्यों? मुझे लोगों को मरने से बचाना पसंद है और मैंने लाखों-करोड़ों लोगों की जान बचाई है."

बीते दिनों पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव काफ़ी बढ़ गया है.
शुक्रवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाज़ा आसिफ़ ने यहाँ तक कह दिया कि पाकिस्तान पहले की तरह अफ़ग़ानिस्तान के साथ संबंध नहीं रख सकता.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को अपने यहाँ आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए, नहीं तो उसे इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.
दोनों देशों के बीच तनाव में उस वक़्त बढ़ा, जब अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और अफ़ग़ानिस्तान के इलाक़ों पर हवाई हमले भी किए हैं.
इसके बाद बीते शनिवार यानी 11 अक्तूबर को तालिबान सरकार के रक्षा विभाग ने अफ़ग़ानिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में डूरंड लाइन के साथ पाकिस्तानी चौकियों पर जवाबी हमले शुरू किए.
इन हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान चौकियों पर हमला किया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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