हाल में हुई विमान दुर्घटनाओं के बाद कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि हवाई यात्राओं में हादसे पहले से ज़्यादा हो रहे हैं.
दक्षिण कोरिया में पिछले साल 29 दिसंबर को लैंडिंग के दौरान एक हवाई जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 179 लोगों की मौत हो गई. उसके एक महीने बाद वॉशिंगटन डीसी में एक सैन्य हेलिकॉप्टर और पैसेंजर विमान की टक्कर में 67 लोगों की मौत हो गई.
अभी पिछले महीने अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ़्लाइट टेक-ऑफ़ के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में विमान में और ग्राउंड पर कुल मिलाकर कम से कम 260 लोगों की मौत हुई थी. सिर्फ़ एक यात्री-ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश सुरक्षित बच पाए थे.
हालांकि इस विषय पर ज़्यादा सर्वे नहीं हुए हैं, लेकिन फरवरी में एसोसिएटेड प्रेस के एक सर्वे में पाया गया कि हादसों की ऑनलाइन तस्वीरों ने अमेरिका के कुछ लोगों का हवाई यात्रा पर भरोसा कम कर दिया है.
लेकिन बीबीसी वेरिफ़ाई ने अमेरिका और दुनिया भर के आंकड़ों का विश्लेषण किया है और ये पाया है कि पिछले 20 सालों में हवाई हादसों की संख्या में कुल मिलाकर गिरावट ही आई है.
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अमेरिका में हवाई हादसों के आंकड़े नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ़्टी बोर्ड (एनटीएसबी) ने इस साल जनवरी के अंत तक तैयार किए हैं.
इन आंकड़ों से पता चलता है कि 2005 से 2024 के बीच अमेरिका में उड़ानों की कुल संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी के बावजूद हवाई हादसों में गिरावट आई है. जनवरी 2025 में हादसों की संख्या (52) भी जनवरी 2024 (58) और जनवरी 2023 (70) से कम रही.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) के डेटा के मुताबिक़, 2005 से 2023 के बीच पूरी दुनिया में प्रति दस लाख विमान उड़ानों पर होने वाले हादसों में भी साफ़ गिरावट दर्ज की गई है.
आईसीएओ की विमान हादसे की परिभाषा काफी विस्तृत है.
इसमें न सिर्फ़ वो घटनाएं शामिल हैं जिनमें यात्री या चालक दल के लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं या मर जाते हैं, बल्कि वो भी शामिल हैं जब विमान को नुकसान पहुंचता है और उसकी मरम्मत करनी पड़ती है, या वह लापता हो जाता है.
दुनिया भर में हवाई हादसों में मौतों की संख्या पर नज़र डालें तो इसी अवधि में इसमें गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि कुछ वर्षों में बड़े हादसों के कारण यह संख्या अचानक बढ़ी भी है.
2014 में दो बड़ी घटनाओं की वजह से हवाई हादसों के आंकड़ों में अचानक उछाल आ गया.
मार्च में मलेशियाई एयरलाइंस की फ़्लाइट एमएच 370 कुआलालंपुर से बीजिंग जाते हुए 239 लोगों के साथ लापता हो गई.
उसी साल जुलाई में मलेशियाई एयरलाइंस का ही एक और विमान, एमएच17, पूर्वी यूक्रेन में रूसी मिसाइल से गिरा दियागया, जिसमें क़रीब 300 लोग मारे गए.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सांख्यिकी विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर सर डेविड स्पीगेलहॉल्टर ने बीबीसी वेरिफ़ाई से कहा कि ऐसे आंकड़ों में अचानक बड़ी उथल-पुथल आना आम बात है.
उनके मुताबिक़, "अगर आप हादसों की जगह मौतों की गिनती करें, तो आंकड़े बहुत ही उतार-चढ़ाव वाले हो जाते हैं और किसी एक बड़े हादसे से ही काफ़ी प्रभावित हो जाते हैं."
उन्होंने कहा, "ऐसे रैंडम हादसे एकसमान तरीके से नहीं होते, अक्सर एक ही समय पर कई हो जाते हैं. इसलिए कई बार लगता है जैसे हवाई हादसे आपस में जुड़े हुए हैं, जबकि असल में उनका आपस में कोई ताल्लुक नहीं होता."
पिछले कुछ महीनों में हुए इन बड़े-बड़े विमान हादसों पर फ़िनलैंड के पूर्व विमान हादसा जांच प्रमुख इस्मो आल्तोनेन ने बीबीसी वेरिफ़ाई से कहा कि इससे ये नहीं समझ लेना चाहिए कि अब हवाई सफर कम सुरक्षित हो गया है.
उन्होंने कहा, "ये महज़ बदकिस्मती है कि एक ही वक्त में कई तरह के अलग-अलग हादसे हो गए, लेकिन लोग इसके आधार पर कोई नतीजा न निकालें, क्योंकि ये सब एक-दूसरे से बिल्कुल अलग वजहों से हुए हैं."
उन्होंने ये भी बताया कि बीते कुछ महीनों में हुए कुछ हादसों को तो पहले से रोका ही नहीं जा सकता था. जैसे दिसंबर में कज़ाख़स्तान में अज़रबैजान एयरलाइंस का विमान तब गिर गया जब उसे रूसी एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल ने निशाना बना लिया.
बकिंघमशर न्यू यूनिवर्सिटी में पूर्व पायलट और सीनियर लेक्चरर मार्को चान ने बीबीसी वेरिफ़ाई से कहा कि हवाई हादसों को लेकर जागरूकता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अब इन हादसों को बहुत ज़्यादा दिखाया जा रहा है.'
सोशल मीडिया पर ऐसे हादसों की ख़ूब चर्चाटिकटॉक पर एक वीडियो ख़ूब वायरल हुआ जिसमें सुपरमैन की फ़िल्म का सीन दिखाया गया है.
इसमें सुपरमैन एक जेट को स्टेडियम में टकराने से बचाता है. इस वीडियो के साथ कैप्शन था, "पीट बुटीगिग पिछले चार साल से रोज़ ऐसा ही कर रहे हैं, अभी के हालात देखकर."
ये मज़ाकिया वीडियो इशारा करता है कि अमेरिका के पूर्व परिवहन मंत्री पीट बुटीगिग के जनवरी में पद छोड़ने के बाद से जैसे विमान हादसे बढ़ गए हों.

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बीते कुछ सालों में बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ़्ट से जुड़ी कई घटनाओं ने भी मीडिया और सोशल मीडिया पर काफी सुर्ख़ियां बटोरीं, ख़ास तौर पर जनवरी 2024 में जब उड़ान के दौरान एक दरवाज़ा टूटकर निकल गया.
इन घटनाओं की वजह से कई यूज़र्स ने बोइंग के बनाए विमानों में यात्रा से परहेज़ करना शुरू कर दिया और कंपनी के शेयरों की क़ीमत में भारी गिरावट आ गई.
विशेषज्ञों ने बीबीसी वेरिफ़ाई को बताया कि ऐसे हादसों और बड़े क्रैश की जांच बहुत गहराई से की जाती है. हादसों से जुड़े नए आंकड़े और जानकारियां पायलटों के ट्रेनिंग सिमुलेटर में डाली जाती हैं, ताकि वे भविष्य में ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रह सकें.
इस्मो आल्तोनेन ने कहा, "अगर आप आज के सिमुलेटर देखें तो वो इतने एडवांस हैं कि बिलकुल असली विमान जैसे लगते हैं. जब मैंने 40 साल पहले उड़ान शुरू की थी, तब से इसकी तुलना ही नहीं की जा सकती."
नियमों की अनदेखी करने पर रेगुलेटर्स एयरलाइंस पर जुर्माना, लाइसेंस सस्पेंड करना या उनकी उड़ानों पर पाबंदी जैसी सख़्त कार्रवाई भी कर सकती हैं. अगर कोई एयरलाइन सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करती, तो उसे किसी देश या समूह से बाहर भी कर दिया जाता है.
हवाई यात्रा अब भी सबसे सुरक्षित सफरहाल के इन हादसों के बावजूद हवाई यात्रा अब भी सबसे सुरक्षित सफर माना जाता है.
अमेरिका के परिवहन विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, 2022 में अमेरिका में परिवहन से जुड़ी जितनी भी मौतें हुईं, उनमें 95 फीसदी से ज़्यादा सड़क पर हुईं. हवाई यात्रा से जुड़ी मौतें 1 फ़ीसदी से भी कम थीं.
अगर मरने वालों की संख्या को तय दूरी के हिसाब से देखें, तो हवाई यात्रा की सुरक्षा और साफ़ हो जाती है.
यूएस स्थित नॉन प्रॉफ़िट ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल सेफ़्टी काउंसिल (एनएससी) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, 2022 में 10 करोड़ मील की यात्रा पर हवाई जहाज़ में यात्रियों की मौत का आंकड़ा सिर्फ 0.001 था, जबकि यात्री वाहनों (कार, बस वगैरह) में यह 0.54 था.
नेशनल सेफ़्टी काउंसिल ने अमेरिका में अलग-अलग तरह के हादसों और बीमारियों से मरने की संभावना का भी ब्योरा दिया है.
इसमें साफ़ दिखता है कि सड़क हादसों में मरने का ख़तरा काफी बड़ा है, जबकि विमान हादसों में मरने की आशंका इतनी कम है कि उसका आंकड़ा निकाला ही नहीं जा सका.
हालांकि, ये भी सच है कि हर देश की सड़कें एक जैसी सुरक्षित नहीं होतीं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 2021 के आंकड़ों के आधार पर दुनिया भर के देशों में सड़क हादसों से मरने की दर निकाली है.
उसके मुताबिक़, सड़क हादसों के मामले में दुनिया के सबसे ख़तरनाक देश हैं, गिनी (हर एक लाख लोगों पर 37.4 मौतें), लीबिया (34.0) और हैती (31.3).
लेकिन आप दुनिया में कहीं भी रहते हों, इस्मो आल्तोनेन का यात्रियों को सीधा संदेश है: "हवाई अड्डे तक कैसे पहुंचते हैं, इस पर खास ध्यान दें."
उन्होंने कहा. "असल में उड़ान के मुकाबले आपका एयरपोर्ट तक का सफर ही सबसे ख़तरनाक है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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