लॉजिस्टिक्स कंपनी ग्लोटिस (Glottis) का 307 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) निवेश के दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। पहले दिन के अंत तक यह इश्यू 43% सब्सक्राइब हुआ था। निवेशकों ने कुल 84.72 लाख शेयरों के लिए बोली लगाई, जबकि ऑफर में 2.01 करोड़ शेयर उपलब्ध थे। रिटेल कैटेगरी 23 प्रतिशत, एनआईआई कैटेगरी 17 प्रतिशत और क्यूआईबी कैटेगरी 176 प्रतिशत सब्सक्राइब हुई थी।
सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन दोपहर 1:40 बजे तक यह इश्यू 67 प्रतिशत सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कैटेगरी 50 प्रतिशत और एनआईआई कैटेगरी 45 प्रतिशत सब्सक्राइब हो चुकी हैं।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अपडेटGlottis के शेयर फिलहाल ग्रे मार्केट में अपर प्राइस बैंड 129 रुपये पर 10 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड हो रहे हैं। यानी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस करीब 139 रुपये रह सकता है। हालांकि यह पहले दिन देखे गए 15.5% प्रीमियम से गिरकर अब 7.7% पर आ गया है। यह दर्शाता है कि बाजार का मूड थोड़ा कमजोर हुआ है, लेकिन अभी भी लिस्टिंग लाभ की संभावना बनी हुई है।
प्रमोटर्स और एंकर इन्वेस्टर्स की भूमिकाकंपनी के प्रमोटर रामकुमार सेंथिलवेल और कुट्टप्पन मणिकंदन इस IPO में अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेच रहे हैं। अपर प्राइस बैंड 129 रुपये पर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम आवेदन 1,000 शेयरों का है, यानी 1.29 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
IPO लॉन्च से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से 92 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें कई बड़े घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया।
IPO की समयसीमायह इश्यू 29 सितंबर से खुला है और 1 अक्टूबर 2025 को बंद होगा। अलॉटमेंट की तारीख 3 अक्टूबर तय है और शेयर 7 अक्टूबर 2025 को NSE और BSE पर लिस्ट होंगे।
कंपनी का बिजनेस और खासियत
2009 में स्थापित Glottis एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर है, जो समुद्री, हवाई और सड़क मार्ग से परिवहन सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा कंपनी वेयरहाउसिंग, 3PL और कस्टम क्लीयरेंस सेवाएं भी देती है।
कंपनी की बड़ी ताकत इसका नवीकरणीय ऊर्जा लॉजिस्टिक्स पर फोकस है। यह सोलर ग्लास, वेफर्स और सेल्स की सप्लाई में सक्रिय है, जो भारत की ग्रीन एनर्जी पॉलिसी से जुड़ा हुआ एक तेजी से बढ़ता सेगमेंट है।
वित्तीय प्रदर्शन
वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी ने 941 करोड़ रुपये की आय दर्ज की, जो FY23 के 478 करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी है। मुनाफा भी 22 करोड़ रुपये (FY23) से बढ़कर 56 करोड़ रुपये (FY25) पर पहुंच गया। हालांकि, बढ़ते वर्किंग कैपिटल और रिसीवेबल्स की वजह से कैश फ्लो पर दबाव बना रह सकता है।
निवेश पर विशेषज्ञों की रायकेनरा बैंक सिक्योरिटीज का मानना है कि लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में Glottis की मजबूत स्थिति है। कंपनी का मल्टी मॉडल और वैल्यू-एडेड सेवाओं में बढ़ता दबदबा निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर पर ज्यादा निर्भरता और रिसीवेबल्स की बढ़ती समस्या रिस्क पैदा कर सकती है। यही कारण है कि ब्रोकरेज इसे केवल लॉन्ग टर्म और हाई रिस्क एपेटाइट वाले निवेशकों के लिए सुझा रहा है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन दोपहर 1:40 बजे तक यह इश्यू 67 प्रतिशत सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कैटेगरी 50 प्रतिशत और एनआईआई कैटेगरी 45 प्रतिशत सब्सक्राइब हो चुकी हैं।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अपडेटGlottis के शेयर फिलहाल ग्रे मार्केट में अपर प्राइस बैंड 129 रुपये पर 10 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड हो रहे हैं। यानी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस करीब 139 रुपये रह सकता है। हालांकि यह पहले दिन देखे गए 15.5% प्रीमियम से गिरकर अब 7.7% पर आ गया है। यह दर्शाता है कि बाजार का मूड थोड़ा कमजोर हुआ है, लेकिन अभी भी लिस्टिंग लाभ की संभावना बनी हुई है।
प्रमोटर्स और एंकर इन्वेस्टर्स की भूमिकाकंपनी के प्रमोटर रामकुमार सेंथिलवेल और कुट्टप्पन मणिकंदन इस IPO में अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेच रहे हैं। अपर प्राइस बैंड 129 रुपये पर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम आवेदन 1,000 शेयरों का है, यानी 1.29 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
IPO लॉन्च से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से 92 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें कई बड़े घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया।
IPO की समयसीमायह इश्यू 29 सितंबर से खुला है और 1 अक्टूबर 2025 को बंद होगा। अलॉटमेंट की तारीख 3 अक्टूबर तय है और शेयर 7 अक्टूबर 2025 को NSE और BSE पर लिस्ट होंगे।
कंपनी का बिजनेस और खासियत
2009 में स्थापित Glottis एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर है, जो समुद्री, हवाई और सड़क मार्ग से परिवहन सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा कंपनी वेयरहाउसिंग, 3PL और कस्टम क्लीयरेंस सेवाएं भी देती है।
कंपनी की बड़ी ताकत इसका नवीकरणीय ऊर्जा लॉजिस्टिक्स पर फोकस है। यह सोलर ग्लास, वेफर्स और सेल्स की सप्लाई में सक्रिय है, जो भारत की ग्रीन एनर्जी पॉलिसी से जुड़ा हुआ एक तेजी से बढ़ता सेगमेंट है।
वित्तीय प्रदर्शन
वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी ने 941 करोड़ रुपये की आय दर्ज की, जो FY23 के 478 करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी है। मुनाफा भी 22 करोड़ रुपये (FY23) से बढ़कर 56 करोड़ रुपये (FY25) पर पहुंच गया। हालांकि, बढ़ते वर्किंग कैपिटल और रिसीवेबल्स की वजह से कैश फ्लो पर दबाव बना रह सकता है।
निवेश पर विशेषज्ञों की रायकेनरा बैंक सिक्योरिटीज का मानना है कि लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में Glottis की मजबूत स्थिति है। कंपनी का मल्टी मॉडल और वैल्यू-एडेड सेवाओं में बढ़ता दबदबा निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर पर ज्यादा निर्भरता और रिसीवेबल्स की बढ़ती समस्या रिस्क पैदा कर सकती है। यही कारण है कि ब्रोकरेज इसे केवल लॉन्ग टर्म और हाई रिस्क एपेटाइट वाले निवेशकों के लिए सुझा रहा है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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