भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का असर अब एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और क्रिकेट पर दिखने लगा है। 9 मई को राजकुमार राव की फिल्म 'भूल चूक माफ' रिलीज होने वाली थी, लेकिन माहौल की नजाकत को समझते हुए फिल्म की रिलीज को ऐन मौके पर टाल दिया गया और अब 16 मई को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसे स्ट्रीम किया जाएगा।दूसरी ओर भारत की सबसे लोकप्रिय लीग आईपीएल पर भी कुछ इसी तरह के बादल मंडरा गए। पंजाब और दिल्ली सीधे क्रिकेट के बीच धर्मशाला में मैच खेला जा रहा था और इसे बीच में ही रोक दिया गया। फिर खबर आई कि IPL 2025 का 18वां सीजन फिलहाल एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस निर्णय से लाखों फैन्स निश्चित रूप से मायूस हैं, लेकिन सुरक्षा प्राथमिकता है। IPL की गवर्निंग काउंसिल का कहना है कि जल्द ही हालात की समीक्षा करके आगे की रणनीति तय की जाएगी। हर मैच रद्द होने पर BCCI को 125 करोड़ रुपये की चपत?सूत्रों के मुताबिक IPL के हर मैच के रद्द होने से BCCI को 100 करोड़ रुपये से 125 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो रहा है। बीमा कंपनियां भले कुछ हिस्सा कवर करें, लेकिन प्रसारण अधिकार, स्पॉन्सरशिप डील और टिकट बिक्री से जुड़ी आय में भारी गिरावट तय मानी जा रही है। फाइनल सहित 16 मैच अभी खेले जाने बाकी है और 125 करोड़ रुपये का नुकसान प्रति मैच माना जाए तो कम से कम 2000 करोड़ रुपये का नुकसान BCCI को हो सकता है। पूरा इकोसिस्टम संकट मेंआईपीएल का नुकसान सिर्फ टीम मालिकों या खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है। स्टेडियम के बाहर सामान बेचने वाले, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर, रेस्तरां और होटल, फ्लाइट्स, रेल और ब सभी इस रुकावट से प्रभावित हुए हैं। हर IPL मैच के दिन लाखों की लोकल इकॉनमी चलती है, जो अब ठप हो गई है। विदेशी खिलाड़ियों की वापसी पर संशयजैसे ही ऑपरेशन 'सिंदूर' की शुरुआत हुई, विदेशी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ ने परिवारों के साथ भारत छोड़कर जाने की जिद पकड़ ली। जिस दिन पंजाब का मैच रद्द हुआ उसी दिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी रिकी पोंटिंग ने कहा कि वे और अन्य खिलाड़ी वापस अपने वतन लौटना चाहते हैं और उनमें से कुछ चले भी गए। हालांकि BCCI पर उन्हें भरोसा है और यदि अगले 10 दिनों में टूर्नामेंट फिर शुरू होता है, तो वे वापसी कर सकते हैं। लेकिन यदि हालात नहीं सुधरे तो अगस्त-सितंबर में ही टूर्नामेंट दोबारा शुरू हो सकता है। अगर IPL 2025 रद्द हुआ तो?अगर स्थिति बेकाबू रही और टूर्नामेंट को पूरी तरह रद्द करना पड़ा, तो केवल प्रसारण कंपनियों को ही 5,500 करोड़ के अनुमानित ऐड रेवेन्यू का एक तिहाई हिस्सा गंवाना पड़ेगा। फ्रेंचाइजियों को सेंट्रल पूल से मिलने वाले पैसे में भारी कटौती होगी। वहीं, बेंगलुरु जैसे शहरों में होम मैचों के टिकट रेवेन्यू का नुकसान भी होगा। खिलाड़ियों को नुकसान कम, लेकिन छोटे कारोबारी बेहालभले ही खिलाड़ी ज्यादा प्रभावित न हों, लेकिन स्टेडियम के बाहर माल बेचने वाले, केटरिंग सर्विस, लोकल ट्रांसपोर्ट सभी की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। इन हालातों में IPL का रुकना जरूरी भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी। लेकिन देश की सुरक्षा सबसे पहले है।(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
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