रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्पेसटेक स्टार्टअप डिगंतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज में निवेश के लिए बातचीत तेज कर दी है. डिगंतरा ऐसी तकनीक बनाती है जो अंतरिक्ष में घूम रहे छोटे-बड़े सभी सामानों और कचरे पर नजर रखती है. इस कंपनी ने एक ऐसा सैटेलाइट बनाया है जो 5 सेंटीमीटर तक के छोटे-छोटे टुकड़ों को भी पहचान सकता है.
रिलायंस 50 मिलियन डॉलर (करीब 430 करोड़ रुपए) का निवेश कर इस सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इस निवेश से भारत के अंतरिक्ष सुरक्षा और निगरानी के काम को बढ़ावा मिलेगा. डिगंतरा पहले से ही भारत और अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों को अपनी सर्विस दे रही है. इस तरह, रिलायंस का यह कदम देश की स्पेस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने और वैश्विक रक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा.
इस निवेश से जुड़ी जानकारी रखने वाले लोगों ने ET को बताया कि फंडिंग की बातचीत अंतिम चरण में है. यह फंडिंग भारत के उभरते हुए स्पेस सर्विलांस सेक्टर में रिलायंस का बड़ा दांव माना जा रहा है, जो ग्लोबल जियो पॉलिटिकल टेंशन और डिफेंस सेक्टर बढ़ती स्पेंडिंग के बीच तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, रिलायंस और डिगंतरा के फाउंडर की ओर से इस डील के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है.
साल 2026 के लास्ट तक 12 से 13 सर्विलांस सैटेलाइट्स नेटवर्क बनाएगी कंपनी
इस मामले की जानकारी रखने वाली एक व्यक्ति ने कहा कि दुनियाभर में बढ़ते तनाव और अनिश्चित हालात को देखते हुए अब हर देश चाहता है कि उसकी खुद की ऐसी टेक्नोलॉजी हो जिसे जरूरत पड़ने पर पूरी तरह से अपने कंट्रोल में रखा जा सके. ऐसे समय में डिगंतरा जैसी कंपनियों के लिए बड़ा मौका है, जो ऐसी टेक्नोलॉजी बना रही हैं.
डिगंतरा की योजना है कि वह साल 2026 के अंत तक 12 से 13 सर्विलांस सैटेलाइट्स का नेटवर्क बना ले. अभी तक कंपनी ने तीन सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. कंपनी को जो पैसा निवेशकों से मिलेगा, उसका ज्यादातर हिस्सा इन सैटेलाइट्स को तैयार करने और लॉन्च करने में खर्च किया जाएगा.
अभी भारत और अमेरिका की डिफेंस एजेंसियों के साथ मिल कर काम कर रही डिगंतरा
डिगंतरा नाम की इस स्पेस टेक स्टार्टअप की शुरुआत अनिरुद्ध शर्मा (CEO) और राहुल रावत (COO) ने की थी. उनके साथ एयरोस्पेस इंजीनियर तनवीर अहमद (CTO) भी जुड़े. इस स्टार्टअप को 2023 में 'ET Startup Awards' में कैंपस लेवल की बेस्ट कंपनी का अवॉर्ड मिला था. डिगंतरा फिलहाल भारत और अमेरिका की डिफेंस एजेंसियों के साथ काम कर रही है, लेकिन अब कंपनी की नजर स्पेस से जुड़ी कमर्शियल सर्विसेस पर भी है.
फरवरी 2024 में कंपनी ने अमेरिका में अपना मैन्युफैक्चरिंग और ऑपरेशंस सेंटर खोला था. डिगंतरा को उम्मीद है कि अगले 2-3 साल में वह अमेरिका से ही 220–260 करोड़ रुपए की कमाई कर सकती है. कंपनी को अब तक कुल मिलाकर करीब 100 करोड़ रुपए की फंडिंग मिल चुकी है. 2023 में Peak XV और Kalaari Capital से 10 मिलियन डॉलर (करीब 83 करोड़ रुपए), फरवरी 2024 में आदित्य बिड़ला वेंचर्स और SIDBI से 2 मिलियन डॉलर (करीब 17 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिली. खास बात ये है कि जिस फंड से Kalaari Capital ने डिगंतरा में निवेश किया है, उसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज भी एक बड़ा निवेशक (एंकर पार्टनर) है.
डिफेंस और स्पेस स्टार्टअप्स में बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी
सिर्फ डिगंतरा ही नहीं, अब भारत में डिफेंस और स्पेस टेक्नोलॉजी पर काम करने वाले स्टार्टअप्स में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. उदाहरण के तौर पर, जून में एक मिलिट्री ड्रोन बनाने वाली कंपनी Raphe mPhibr को 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. वहीं, पिछले साल सरकार ने भी 1,000 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया था, जिससे अगले 5 साल में करीब 30–35 स्पेस स्टार्टअप्स को मदद दी जाएगी. इसके अलावा Pixxel जैसी सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी को भी Google और अन्य विदेशी निवेशकों से 24 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. InspeCity, Orbitt Space, OrbitAID और Inbound Aerospace जैसे कई नए स्टार्टअप्स ने भी इस साल छोटे निवेश हासिल किए हैं.
रिलायंस 50 मिलियन डॉलर (करीब 430 करोड़ रुपए) का निवेश कर इस सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इस निवेश से भारत के अंतरिक्ष सुरक्षा और निगरानी के काम को बढ़ावा मिलेगा. डिगंतरा पहले से ही भारत और अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों को अपनी सर्विस दे रही है. इस तरह, रिलायंस का यह कदम देश की स्पेस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने और वैश्विक रक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा.
इस निवेश से जुड़ी जानकारी रखने वाले लोगों ने ET को बताया कि फंडिंग की बातचीत अंतिम चरण में है. यह फंडिंग भारत के उभरते हुए स्पेस सर्विलांस सेक्टर में रिलायंस का बड़ा दांव माना जा रहा है, जो ग्लोबल जियो पॉलिटिकल टेंशन और डिफेंस सेक्टर बढ़ती स्पेंडिंग के बीच तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, रिलायंस और डिगंतरा के फाउंडर की ओर से इस डील के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है.
साल 2026 के लास्ट तक 12 से 13 सर्विलांस सैटेलाइट्स नेटवर्क बनाएगी कंपनी
इस मामले की जानकारी रखने वाली एक व्यक्ति ने कहा कि दुनियाभर में बढ़ते तनाव और अनिश्चित हालात को देखते हुए अब हर देश चाहता है कि उसकी खुद की ऐसी टेक्नोलॉजी हो जिसे जरूरत पड़ने पर पूरी तरह से अपने कंट्रोल में रखा जा सके. ऐसे समय में डिगंतरा जैसी कंपनियों के लिए बड़ा मौका है, जो ऐसी टेक्नोलॉजी बना रही हैं.
डिगंतरा की योजना है कि वह साल 2026 के अंत तक 12 से 13 सर्विलांस सैटेलाइट्स का नेटवर्क बना ले. अभी तक कंपनी ने तीन सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. कंपनी को जो पैसा निवेशकों से मिलेगा, उसका ज्यादातर हिस्सा इन सैटेलाइट्स को तैयार करने और लॉन्च करने में खर्च किया जाएगा.
अभी भारत और अमेरिका की डिफेंस एजेंसियों के साथ मिल कर काम कर रही डिगंतरा
डिगंतरा नाम की इस स्पेस टेक स्टार्टअप की शुरुआत अनिरुद्ध शर्मा (CEO) और राहुल रावत (COO) ने की थी. उनके साथ एयरोस्पेस इंजीनियर तनवीर अहमद (CTO) भी जुड़े. इस स्टार्टअप को 2023 में 'ET Startup Awards' में कैंपस लेवल की बेस्ट कंपनी का अवॉर्ड मिला था. डिगंतरा फिलहाल भारत और अमेरिका की डिफेंस एजेंसियों के साथ काम कर रही है, लेकिन अब कंपनी की नजर स्पेस से जुड़ी कमर्शियल सर्विसेस पर भी है.
फरवरी 2024 में कंपनी ने अमेरिका में अपना मैन्युफैक्चरिंग और ऑपरेशंस सेंटर खोला था. डिगंतरा को उम्मीद है कि अगले 2-3 साल में वह अमेरिका से ही 220–260 करोड़ रुपए की कमाई कर सकती है. कंपनी को अब तक कुल मिलाकर करीब 100 करोड़ रुपए की फंडिंग मिल चुकी है. 2023 में Peak XV और Kalaari Capital से 10 मिलियन डॉलर (करीब 83 करोड़ रुपए), फरवरी 2024 में आदित्य बिड़ला वेंचर्स और SIDBI से 2 मिलियन डॉलर (करीब 17 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिली. खास बात ये है कि जिस फंड से Kalaari Capital ने डिगंतरा में निवेश किया है, उसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज भी एक बड़ा निवेशक (एंकर पार्टनर) है.
डिफेंस और स्पेस स्टार्टअप्स में बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी
सिर्फ डिगंतरा ही नहीं, अब भारत में डिफेंस और स्पेस टेक्नोलॉजी पर काम करने वाले स्टार्टअप्स में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. उदाहरण के तौर पर, जून में एक मिलिट्री ड्रोन बनाने वाली कंपनी Raphe mPhibr को 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. वहीं, पिछले साल सरकार ने भी 1,000 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया था, जिससे अगले 5 साल में करीब 30–35 स्पेस स्टार्टअप्स को मदद दी जाएगी. इसके अलावा Pixxel जैसी सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी को भी Google और अन्य विदेशी निवेशकों से 24 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. InspeCity, Orbitt Space, OrbitAID और Inbound Aerospace जैसे कई नए स्टार्टअप्स ने भी इस साल छोटे निवेश हासिल किए हैं.
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