कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7.5 करोड़ से अधिक सदस्यों को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने हाल ही में पीएफ खाताधारकों के लिए ऑटो-सेटलमेंट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. यानी अब पीएफ खाता धारक बिना किसी झंझट के 5,00,000 रुपये तक का अमाउंट आसानी से निकाल पाएंगे. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बारे में घोषणा की.
पीएफ ऑटो-सेटलमेंट लिमिट बढ़ने का क्या मतलब है?ईपीएफओ की ऑटो-सेटलमेंट सुविधा के तहत अब मेंबर्स अपने प्रोविडेंट फंड (PF) खाते से 5 लाख रुपये तक की राशि बिना मैनुअल सत्यापन के आसानी से निकाल सकते हैं. यह लिमिट पहले केवल 1 लाख रुपये थी. उससे अधिक राशि की निकासी के लिए मैनुअल जांच की जरूआवश्यकता होती थी. जिसके कारण क्लेम की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था. इस समस्या को देखते हुए अब 100000 रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 500000 रुपये कर दिया गया है.
नई सीमा लागू होने से आपात स्थिति जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह, या आवास की जरूरतों के लिए पीएफ खाता धारकों को पैसा निकालने में परेशानी नहीं होगी. वे आसानी से
500000 रुपये तक की रकम निकाल पाएंगे. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे मोदी सरकार का जन-केंद्रित कदम बताया और कहा कि ईपीएफओ ने ऑटो-सेटलमेंट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जिससे क्लेम का निपटारा अब केवल 72 घंटों के भीतर हो जाएगा.
ऑटो-सेटलमेंट सुविधा क्या है?कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में ऑटो-सेटलमेंट सुविधा की शुरुआत की गई थी. ताकि मुसीबत के समय में ईपीएफओ सदस्यों को तुरंत वित्तीय सहायता मिल सके. इसमें पीएफ क्लेम को सिस्टम के द्वारा ऑपरेट किया जाता है, जिसमें मैन्युअल इंटरवेंशन की आवश्यकता नहीं पड़ती. जिससे यह प्रक्रिया और तेज, ट्रांसपेरेंट और एरर फ्री हो जाती है. ईपीएफओ ने पहले यह सुविधा केवल बीमारी से जुड़ी निकासी के लिए ही शुरू की थी. लेकिन बाद में इस विवाह, शिक्षा, आवास जैसी जरूरत के लिए भी बढ़ा दिया गया. अब ईपीएफओ के सदस्य 500000 रुपये तक की बड़ी हुई सीमा के साथ जरूरत पड़ने पर आसानी से पीएफ क्लेम कर पाएंगे.
बता दें कि ईपीएफओ ने ऑटो-सेटलमेंट के जरिए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में, संगठन ने 2.34 करोड़ अग्रिम दावों का निपटारा किया, जो पिछले वर्ष (2023-24) के 89.52 लाख दावों की तुलना में 161% ज्यादा हैं.
पीएफ ऑटो-सेटलमेंट लिमिट बढ़ने का क्या मतलब है?ईपीएफओ की ऑटो-सेटलमेंट सुविधा के तहत अब मेंबर्स अपने प्रोविडेंट फंड (PF) खाते से 5 लाख रुपये तक की राशि बिना मैनुअल सत्यापन के आसानी से निकाल सकते हैं. यह लिमिट पहले केवल 1 लाख रुपये थी. उससे अधिक राशि की निकासी के लिए मैनुअल जांच की जरूआवश्यकता होती थी. जिसके कारण क्लेम की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था. इस समस्या को देखते हुए अब 100000 रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 500000 रुपये कर दिया गया है.
नई सीमा लागू होने से आपात स्थिति जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह, या आवास की जरूरतों के लिए पीएफ खाता धारकों को पैसा निकालने में परेशानी नहीं होगी. वे आसानी से
500000 रुपये तक की रकम निकाल पाएंगे. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे मोदी सरकार का जन-केंद्रित कदम बताया और कहा कि ईपीएफओ ने ऑटो-सेटलमेंट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जिससे क्लेम का निपटारा अब केवल 72 घंटों के भीतर हो जाएगा.
ऑटो-सेटलमेंट सुविधा क्या है?कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में ऑटो-सेटलमेंट सुविधा की शुरुआत की गई थी. ताकि मुसीबत के समय में ईपीएफओ सदस्यों को तुरंत वित्तीय सहायता मिल सके. इसमें पीएफ क्लेम को सिस्टम के द्वारा ऑपरेट किया जाता है, जिसमें मैन्युअल इंटरवेंशन की आवश्यकता नहीं पड़ती. जिससे यह प्रक्रिया और तेज, ट्रांसपेरेंट और एरर फ्री हो जाती है. ईपीएफओ ने पहले यह सुविधा केवल बीमारी से जुड़ी निकासी के लिए ही शुरू की थी. लेकिन बाद में इस विवाह, शिक्षा, आवास जैसी जरूरत के लिए भी बढ़ा दिया गया. अब ईपीएफओ के सदस्य 500000 रुपये तक की बड़ी हुई सीमा के साथ जरूरत पड़ने पर आसानी से पीएफ क्लेम कर पाएंगे.
बता दें कि ईपीएफओ ने ऑटो-सेटलमेंट के जरिए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में, संगठन ने 2.34 करोड़ अग्रिम दावों का निपटारा किया, जो पिछले वर्ष (2023-24) के 89.52 लाख दावों की तुलना में 161% ज्यादा हैं.
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