भारत और अमेरिका एक बार फिर अपने व्यापारिक रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में अमेरिकी प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच आज रात भारत आ रहे हैं। मंगलवार से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर दोबारा बातचीत शुरू होगी।
यह बातचीत पहले 25 अगस्त को होनी थी, लेकिन उस समय अमेरिका ने अचानक हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। अब जब माहौल थोड़ा शांत हुआ है, तो बातचीत फिर से शुरू हो रही है। इस एग्रीमेंट का मकसद है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच बिजनेस को 191 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक ले जाया जाए। इस बीच अमेरिका ने भारत पर 27 अगस्त से 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया है। इसमें से 25% टैक्स भारत के रूस से क्रूड ऑयल खरीदने के कारण लगाया गया है।
अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सेब, सोयाबीन, बादाम, एथेनॉल और अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट पर कम टैक्स लगाए और अपने बाजार को इन चीजों के लिए खोले। लेकिन भारत ने इसका विरोध किया है। भारत का कहना है कि ऐसा करने से देश के छोटे और गरीब किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
अमेरिका को भारत से एक्सपोर्ट में आई गिरावट
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव का असर सीधा आंकड़ों पर दिख रहा है। जुलाई में भारत का अमेरिका को निर्यात घटकर 6.86 बिलियन डॉलर रह गया, जो जून में 8.01 बिलियन डॉलर था। यानी भारतीय कंपनियों को अमेरिका से कम ऑर्डर मिले, जिससे एक्सपोर्ट घटा।
ट्रंप के बयान से और बढ़ा विवाद
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर कई बयान दिए, जिसके चलते यह ट्रेड डील अटकी। हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने नरमी दिखाई और कहा -'भारत और अमेरिका अपने बिजनेस विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे और उन्हें विश्वास है कि दोनों देश किसी पॉजिटिव नतीजे पर पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिया जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान का जवाब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दिया। उन्होंने लिखा- 'भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और स्वाभाविक साझेदार हैं।' मोदी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से नई संभावनाओं के रास्ते खुलेंगे।
यह बातचीत पहले 25 अगस्त को होनी थी, लेकिन उस समय अमेरिका ने अचानक हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। अब जब माहौल थोड़ा शांत हुआ है, तो बातचीत फिर से शुरू हो रही है। इस एग्रीमेंट का मकसद है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच बिजनेस को 191 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक ले जाया जाए। इस बीच अमेरिका ने भारत पर 27 अगस्त से 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया है। इसमें से 25% टैक्स भारत के रूस से क्रूड ऑयल खरीदने के कारण लगाया गया है।
अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सेब, सोयाबीन, बादाम, एथेनॉल और अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट पर कम टैक्स लगाए और अपने बाजार को इन चीजों के लिए खोले। लेकिन भारत ने इसका विरोध किया है। भारत का कहना है कि ऐसा करने से देश के छोटे और गरीब किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
अमेरिका को भारत से एक्सपोर्ट में आई गिरावट
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव का असर सीधा आंकड़ों पर दिख रहा है। जुलाई में भारत का अमेरिका को निर्यात घटकर 6.86 बिलियन डॉलर रह गया, जो जून में 8.01 बिलियन डॉलर था। यानी भारतीय कंपनियों को अमेरिका से कम ऑर्डर मिले, जिससे एक्सपोर्ट घटा।
ट्रंप के बयान से और बढ़ा विवाद
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर कई बयान दिए, जिसके चलते यह ट्रेड डील अटकी। हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने नरमी दिखाई और कहा -'भारत और अमेरिका अपने बिजनेस विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे और उन्हें विश्वास है कि दोनों देश किसी पॉजिटिव नतीजे पर पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिया जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान का जवाब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दिया। उन्होंने लिखा- 'भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और स्वाभाविक साझेदार हैं।' मोदी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से नई संभावनाओं के रास्ते खुलेंगे।
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