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Crizac आईपीओ खरीदे या नहीं? क्या कहते हैं विश्लेषक? GMP दिखा रहा है 16% प्रीमियम, चेक करें सब्सक्रिप्शन और अन्य डिटेल्स

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Crizac Limited के आईपीओ को पहले दिन, यानी बुधवार 2 जुलाई को दोपहर 1:24 बजे तक महज 22 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया। इसे रिटेल कैटेगरी में 34 प्रतिशत और एनआईआई कैटेगरी में 23 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला है। योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) की भागीदारी अब तक नहीं दिखी है।



हालांकि ग्रे मार्केट में क्रिज़ैक के शेयर 39 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि आईपीओ के ऊपरी प्राइस बैंड पर लगभग 16 प्रतिशत की संभावित लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहे हैं। क्रिज़ैक का यह 860 करोड़ रुपये का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर-फॉर-सेल (OFS) है, जिसमें कंपनी के प्रमोटर्स 3.51 करोड़ इक्विटी शेयर बेच रहे हैं। आईपीओ का प्राइस बैंड 233 रुपये से 245 रुपये के बीच तय किया गया है। यह इश्यू 4 जुलाई को बंद होगा और इसके 9 जुलाई को BSE और NSE पर लिस्ट होने की संभावना है।



Crizac Limited की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। यह कंपनी एक B2B इंटरनेशनल एजुकेशन प्लेटफॉर्म चलाती है, जो यूके, कनाडा, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी को 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट रिक्रूटमेंट एजेंट्स के नेटवर्क से जोड़ती है। कंपनी का टेक प्लेटफॉर्म 75 से ज्यादा देशों से एप्लिकेशन लाने में सक्षम है।



फाइनेंशियल आंकड़ों की बात करें तो क्रिज़ैक ने FY23 में 274 करोड़ रुपये की आमदनी दर्ज की थी, जो FY25 में बढ़कर 849 करोड़ रुपये पहुंच गई है। यह 76 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) को दर्शाता है। इसी दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 110 करोड़ रुपये से बढ़कर 152 करोड़ रुपये हो गया। FY25 में कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS) 8.74 रही और नेट मार्जिन 18 प्रतिशत का रहा। कंपनी पूरी तरह से कर्ज मुक्त है और उसकी बैलेंस शीट मजबूत बताई जा रही है।



आईपीओ का वैल्यूएशन भी निवेशकों के लिए आकर्षक माना जा रहा है। ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी का प्राइस टू अर्निंग (P/E) रेशियो 28x और प्राइस टू बुक (P/B) रेशियो 9x है, जो इसके लिस्टेड प्रतिद्वंद्वी IndiaMART के समान है।



विश्लेषकों की मानें तो Crizac को भारत के बढ़ते ओवरसीज एजुकेशन मार्केट से फायदा मिल सकता है, जो 2030 तक 2.5 मिलियन आउटबाउंड स्टूडेंट्स तक पहुंचने का अनुमान है। इसकी स्केलेबल B2B मॉडल, टियर-1 देशों पर फोकस और प्राइवेट टेक प्लेटफॉर्म इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाते हैं।



हालांकि, विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि यूके और कनाडा जैसे देशों में रेग्युलेटरी पॉलिसी में सख्ती Crizac की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है। फिर भी लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक भरोसेमंद विकल्प माना जा रहा है।



Canara Bank Securities ने अपनी रिपोर्ट में कहा है – "Crizac डिजिटल स्केलेबिलिटी, वैश्विक एजुकेशन ट्रेंड और मजबूत फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का अनूठा संगम है। लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब करना समझदारी हो सकती है।"



(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)



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