वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का विशेष महत्व होता है, जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालता है। कभी-कभी, घर में छोटे-मोटे वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते हैं, जो परिवार के सदस्यों की आदतों का परिणाम होते हैं। ऐसे में, घर में अनचाहे झगड़े हो सकते हैं। इसलिए, घर की दिशाओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
उत्तर-पूर्व दिशा को धन की देवी के आगमन का स्थान माना जाता है। इस दिशा में भारी सामान या गंदगी नहीं होनी चाहिए।
उत्तर-पश्चिम दिशा भी धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत मानी जाती है। इस दिशा में हमेशा रोशनी होनी चाहिए, अन्यथा परिवार के सदस्यों में तनाव और धन की कमी बनी रहती है।
दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज है, इसलिए इस दिशा में दरवाजे का होना उचित नहीं है। यदि घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में मुखिया का कमरा है, तो वह हमेशा परेशानियों का सामना करता है और उसके कार्य सफल नहीं होते।
उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई होने से घर का बजट प्रभावित होता है, जिससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
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वास्तु शास्त्र: घर की दिशाओं का महत्व और धन के स्रोत