हिंदू संस्कृति में महिलाओं के लिए गहनों का विशेष महत्व होता है, जिसमें नथ भी शामिल है। यह नाक की सजावट न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि इसे 16 श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। शादी के बाद, कई महिलाएं नथ पहनना शुरू कर देती हैं, और आजकल कुंवारी लड़कियां भी इसे फैशन के रूप में अपनाने लगी हैं।
नथ पहनने का धार्मिक महत्व
क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाएं शादी के बाद नथ क्यों पहनती हैं? यह केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई लाभ भी हैं। नथ को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, और इसे पहनने से महिला का विवाहित जीवन सुखद रहता है। यह नथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिससे वातावरण में खुशहाली बनी रहती है।
वैज्ञानिक लाभ
नथ पहनने के कई वैज्ञानिक लाभ भी हैं। आयुर्वेद के अनुसार, नथ पहनने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में राहत मिलती है। नाक में छेद करने से मासिक धर्म के दर्द को कम किया जा सकता है, जो कि बहुत से लोग नहीं जानते। इसके अलावा, प्रसव के समय भी नथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह प्रजनन अंगों से जुड़ी होती है।
फैशन का हिस्सा
आजकल, नथ केवल एक पारंपरिक आभूषण नहीं रह गई है, बल्कि यह फैशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। महिलाएं इसे साड़ी, लहंगे और यहां तक कि पश्चिमी परिधानों के साथ भी पहनती हैं। नथनी के अलावा, विभिन्न डिज़ाइन की नोज पिन भी प्रचलित हैं, जो महिलाओं की सुंदरता को और बढ़ाती हैं।
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