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सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए किशमिश दही के फायदे और बनाने की विधि

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सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए पौष्टिक आहार

सर्दियों के दौरान बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना अत्यंत आवश्यक है। इस मौसम में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो पेट को स्वस्थ रखें। दरअसल, पेट ही कई बीमारियों का मूल कारण होता है, इसलिए इसे स्वस्थ रखना महत्वपूर्ण है।


डॉक्टरों की सलाह

विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में पेट और आंतों को स्वस्थ रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना अनिवार्य है। पेट दर्द, शरीर में सूजन, बालों का झड़ना और नींद की कमी जैसी समस्याएं अक्सर पेट से जुड़ी होती हैं।


किशमिश दही बनाने की विधि

किशमिश दही बनाने के लिए एक कटोरी दूध, एक चम्मच दही और 4 से 5 किशमिश की आवश्यकता होती है। सबसे पहले दूध को हल्का गर्म करें और उसमें किशमिश डालें। इसके बाद, एक चम्मच दही मिलाकर इसे 32 बार अच्छी तरह मिलाएं। यदि दही उपलब्ध नहीं है, तो आप छाछ का उपयोग भी कर सकते हैं।


दही जमाने की प्रक्रिया

दूध, दही और किशमिश को अच्छे से मिलाकर ढक दें और 8 से 12 घंटे के लिए जमने के लिए छोड़ दें। जब दही की ऊपरी परत मोटी हो जाए, तो समझें कि आपका किशमिश दही तैयार है। इसे आप लंच या लंच के बाद खा सकते हैं।


किशमिश दही के स्वास्थ्य लाभ
  • दही में आयरन, फाइबर, कैल्शियम, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इसे प्रोबायोटिक की तरह कार्य करने में मदद करते हैं। इसलिए किशमिश दही खाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
  • किशमिश में एंटी-ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं, जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
  • बवासीर जैसी गंभीर समस्याओं में किशमिश दही का सेवन लाभकारी होता है। इसे रोजाना लंच में खाना चाहिए।
  • पेट और आंतों से संबंधित रोगों के लिए दही एक प्रभावी उपाय है।
  • दिल की बीमारियों में भी दही का सेवन फायदेमंद होता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लिए भी दही का सेवन करना चाहिए।
  • दुबले लोग वजन बढ़ाने के लिए किशमिश दही का सेवन कर सकते हैं।
  • मुंह के छालों के लिए दही का उपयोग दवा के समान होता है।
  • दांत निकलने वाले बच्चों के लिए दही और शहद का सेवन फायदेमंद होता है।

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