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बिहार चुनाव में बीजेपी को मिल रही आंतरिक चुनौतियाँ, बगावत की आहट

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बीजेपी की चुनावी तैयारियाँ और आंतरिक असंतोष

नीतीश कुमार और पीएम मोदी

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी सभी 101 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस बार पार्टी ने 17 विधायकों के टिकट काटे हैं, जिसमें से कुछ नेता जैसे मिश्रीलाल यादव ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। टिकट वितरण के बाद बीजेपी को कई स्थानों पर स्थानीय नेताओं की नाराजगी और विद्रोही रुख का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में बीजेपी को अपनी आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सवाल यह है कि बिहार में बीजेपी को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?

बीजेपी में पहले से ही पुराने और नए नेताओं के बीच संघर्ष बढ़ गया है। इस आंतरिक विवाद को सुलझाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने पहले निर्देश दिए थे, लेकिन बिहार बीजेपी में यह लड़ाई अभी भी जारी है। पार्टी के तीन प्रमुख पुराने नेता विद्रोही रुख अपनाए हुए हैं, जिसमें अश्वनी चौबे, गिरिराज सिंह और नए नेता आरके सिंह शामिल हैं।

नेताओं के बीच मतभेद

बिहार में टिकट वितरण के लिए बनाई गई कोर ग्रुप से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का नाम हटाना स्थानीय नेताओं के बीच कटुता को बढ़ा रहा है। यह मुद्दा तब सामने आया जब दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें गिरिराज सिंह और संजय जायसवाल को आमंत्रित नहीं किया गया।

स्थानीय नेताओं की बगावत

भागलपुर से बीजेपी ने रोहित पांडे को उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में 1113 मतों से हार गए थे। अब पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे और वरिष्ठ नेता प्रशांत विक्रम ने बगावती तेवर अपनाए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जो पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

बक्सर के चैनपुर सीट से जन सुराज पार्टी ने लालमुनि चौबे के बेटे हेमंत चौबे को उम्मीदवार बनाया है, जो बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं। छपरा सीट पर बीजेपी ने छोटी कुमारी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

गोपालगंज में बीजेपी ने उम्मीदवार बदला है, जहां विधायक कुसुम देवी का टिकट काटकर सुभाष सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। कुसुम देवी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं, पार्टी के पुराने नेता अनूप लाल श्रीवास्तव ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

बांका लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी की उपाध्यक्ष पुतुल कुमारी ने पार्टी से बगावत कर चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पुतुल के चुनावी मैदान में आने से एनडीए के जेडीयू उम्मीदवार को परेशानी हो सकती है।

महाराजगंज से बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई की परवाह नहीं है।

अमित शाह का पटना दौरा

गृहमंत्री अमित शाह आज तीन दिनों के लिए पटना जा रहे हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने नेताओं को संभालना और एनडीए में जेडीयू-एलजेपी-हम के बीच समन्वय स्थापित करना होगा।


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