प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई। कृषि जिलों के समग्र विकास की योजना को मंजूरी दी गई, साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी में बड़े निवेश की दिशा में कदम उठाए गए। कैबिनेट ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को 2025-26 से प्रारंभ करने के लिए स्वीकृति दी है, जो अगले छह वर्षों तक चलेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना के तहत 100 जिलों के चयन की जानकारी दी। इन जिलों का चयन तीन प्रमुख मानदंडों पर किया जाएगा: कम उत्पादन, कम फसल चक्र और किसानों को कम कर्ज मिलना।
योजना का उद्देश्य और कार्यान्वयन
सरकार के अनुसार, यह योजना 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय साझेदारी के माध्यम से लागू की जाएगी। योजना के अंतर्गत 100 जिलों के लिए विशेष कृषि योजनाएं बनाई जाएंगी। इन जिलों में किसान अपनी फसल की विविधता बढ़ाने, जल संरक्षण और मिट्टी की सेहत बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाएंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार लाना और देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। जैसे-जैसे इन जिलों के संकेतक सुधरेंगे, देश के समग्र संकेतक भी बेहतर होंगे।
रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश
कैबिनेट ने यह भी घोषणा की कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC Limited) रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में विकास होगा और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को अपने बजट भाषण में की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन 100 जिलों में कृषि को मजबूत करना है, जहां उत्पादकता कम है।
किसानों को मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत किसानों को उन्नत बीज और खाद कम कीमत या मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे फसल की पैदावार में वृद्धि होगी। इसके अलावा, ट्रैक्टर, पंप और अन्य कृषि उपकरणों पर सब्सिडी मिलेगी, और माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम से सिंचाई में सुधार होगा। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने से किसानों की आय में वृद्धि होगी। गोदाम निर्माण से भंडारण की सुविधा मिलेगी और लोन की आसान सुविधा से आर्थिक बोझ कम होगा। महिला और युवा किसानों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। योजना को लागू करने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर आधार कार्ड, बैंक खाता और जमीन के दस्तावेज के साथ रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
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