Agra Murder Case: आगरा में रेस्तरां संचालक के भाई गुलफाम की गोली मारकर हत्या करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की गिरफ्त में आए दो आरोपियों ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पहलगाम हमले से हत्याकांड को जोड़ने को लेकर भी उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं।
Gulfam Murder Update: हम गोरक्षा दल के सदस्य हैं। दो को मार दिया है। यह पहलगाम का बदला है। 26 का बदला 26 हजार से लिया जाएगा। कुछ यही बात कहते हुए आगरा के ताजगंज में गुलफाम की हत्या के आरोपियों ने वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। आरोपियों ने लेन-देन के विवाद को दूसरा रूप देने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस की तत्परता से माहौल बिगड़ने से बच गया।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि वीडियो मलपुरा के गांव नगला भूरिया निवासी मनोज चौधरी उर्फ मनोज चाहर की आईडी से पोस्ट किया गया था। वीडियो में हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला युवक ताजगंज के गांव करभना निवासी पुष्पेंद्र बघेल था। उसके बराबर में खड़ा युवक गांव करभना निवासी शिवम बघेल था।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि पुष्पेंद्र बघेल ने हत्या के बाद वीडियो बनाया। इसमें क्षत्रिय गौरक्षा दल का नाम लिया था। पिछले दिनों क्षत्रिय करणी सेना ने प्रदर्शन किया था। शहर में बवाल भी हुआ था। पुलिस का ध्यान भटकाने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए घटना को पहलगाम से जोड़ने का प्रयास किया था। वीडियो के बाद पुलिस ने ताजगंज क्षेत्र में गश्त की थी।
इस मामले में पुलिस माइक्रो ब्लाॅगिंग साइट की भी जांच कर रही है। जिन लोगों ने टिप्पणी की, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी हुई तो कोई भी क्षत्रिय नहीं निकला। न ही किसी दल से जुड़े हुए निकले। आरोपी दूध विक्रेता है। रेस्तरां पर आना जाना था। बिरयानी के रुपयों को लेकर विवाद में गोली मारने की योजना बनाई गई थी। पुलिस ने उनके वीडियो के वायरल होने पर प्रतिक्रिया नहीं देने की अपील की थी।
गुलफाम की हत्या कर माहौल खराब करने की थी कोशिश
आगरा में ताजमहल के हाई सिक्योरिटी जोन के नजदीक ताजनगरी फेज-1 में रेस्तरां संचालक के भाई गुलफाम की गोली मारकर हत्या बिरयानी के रुपयों को लेकर हुए विवाद में की गई थी। वीडियो बनाकर सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की थी। सोमवार को पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया। दो आरोपियों प्रियांश यादव और शिवम बघेल को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। दोनों पैर में गोली लगने से घायल हो गए। इस दौरान गोली लगने से सिपाही गिरेंद्र भी घायल हो गए। पुलिस ने तीसरा आरोपी मनोज चौधरी भी पकड़ा है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हत्याकांड के बाद माहौल खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड किया था। इसके पीछे पहलगाम की घटना को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया था। एक आरोपी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में लगी है। ताजनगरी फेस-1 में 23 अप्रैल की आधी रात को घटना हुई थी। शाहिद अली चिकन बिरयानी रेस्तरां पर बाइक पर तीन युवक आए थे। शाहिद अली के चचेरे भाई गुलफाम (27) और सैफ अली को गोली मारी गई थी।
इंस्टाग्राम पर किया था भड़काऊ वीडियो पोस्ट
गुलफाम की मृत्यु हो गई थी, जबकि सैफ अली के गोली कंधे से रगड़ते हुए निकली थी। मामले में मृतक के भाई बिलाल ने मुकदमा दर्ज कराया। घटना के समय रेस्तरां में मुन्ना और जीशान भी मौजूद थे। हत्या के एक घंटे बाद इंस्टाग्राम पर मनोज चौधरी की आईडी से भड़काऊ वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें दो युवक दिख रहे थे। उन्होंने अपनी पैंट में चाकू और तमंचे लगा रखे थे। एक युवक ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी। दो लोगों की हत्या की बात बोली थी। हत्या के पीछे पहलगाम की घटना का बदला करार दिया था।
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस की मदद ली। हत्याकांड के खुलासे के लिए कई टीमों को लगाया गया। पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। सोमवार शाम को प्रियांश यादव और उसके साथी शिवम बघेल को पुलिस टीम ने इनर रिंग रोड पर घेर लिया। दोनों ने पुलिस पर फायर किया, जिसमें जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पैर में गोली लगने से घायल हो गए। इस दाैरान बदमाशों की गोली से सिपाही गिरेंद्र सिंह हाथ में गोली लगने से घायल हो गए। आरोपियों का तीसरा साथी मनोज चाैधरी भी गिरफ्तार किया गया।
बाइक से आए थे आरोपी
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि आरोपियों का पूर्व में गुलफाम के रेस्तरां में बिरयानी के रुपयों को लेकर विवाद हुआ था। इस पर ही प्रियांश यादव, शिवम बघेल और पुष्पेंद्र बघेल ने हत्याकांड को अंजाम दिया। घटना करने तीनों बाइक से आए थे। गुलफाम को पुष्पेंद्र बघेल ने गोली मारी थी। वह पकड़ा नहीं जा सका है। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है। वहीं सैफ अली को गोली शिवम बघेल ने मारी थी। प्रियांश यादव ने वीडियो बनाया था। वारदात के खुलासे के लिए एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद के नेतृत्व में एक एसआईटी काम कर रही थी। टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार एवं एसीपी को प्रशस्ति पत्र दिया गया है।
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