भारत में मधुमेह यानी डायबिटीज अब एक महामारी का रूप लेती जा रही है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 10 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं। दवाइयों पर निर्भरता और महंगे इलाज ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है।ऐसे समय में एक साधारण सा हरा पत्ता – जिसे आयुर्वेद में Green Leaf for Diabetes कहा जा रहा है – लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है।
यह पत्ता असल में Insulin Plant या Costus Igneus का पत्ता है जिसे भारत में स्थानीय भाषाओं में ‘मधुमेह पत्ता’ या ‘शुगर का हरा इलाज’ कहा जाता है। यह पौधा दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है, खासकर केरल और कर्नाटक में। इसकी खासियत यह है कि इसमें प्राकृतिक इंसुलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में अत्यंत प्रभावशाली होते हैं।
Green Leaf for Diabetes में ‘कोस्टुनोलाइड’ नामक यौगिक पाया जाता है, जो पैंक्रियास को इंसुलिन के स्त्राव के लिए उत्तेजित करता है। यह तत्व सीधे तौर पर ब्लड शुगर लेवल को घटाने में सहायक होता है।
इस पत्ते में मौजूद फ्लावोनॉयड्स और पॉलीफेनोल्स शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जिससे डायबिटीज से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे किडनी खराब होना, नेत्र दोष, और नसों की क्षति का खतरा कम होता है।
2019 में बेंगलुरु स्थित Indian Institute of Science द्वारा की गई एक स्टडी में यह पाया गया कि Green Leaf for Diabetes का नियमित सेवन टाइप-2 डायबिटीज में HbA1c को 7.5% से घटाकर 6.1% तक ला सकता है।
आचार्य बालकृष्ण (पतंजलि) के अनुसार, “यदि कोई व्यक्ति रोज सुबह खाली पेट इस पत्ते को चबाता है, तो उसकी शुगर मात्र 15 दिनों में नियंत्रित हो सकती है। यह पत्ता पूरे शरीर को डिटॉक्स भी करता है।”
Green Leaf for Diabetes केवल मधुमेह ही नहीं बल्कि अन्य 50 बीमारियों जैसे कि-
- मोटापा
- हाई ब्लड प्रेशर
- एसिडिटी
- कब्ज
- त्वचा रोग
-में भी लाभकारी माना गया है।
इसकी चाय, काढ़ा, और पत्तियों का रस इन सभी रोगों में असरकारक बताया गया है।
रोज सुबह 1-2 पत्ते धोकर चबाने से सबसे तीव्र असर देखा गया है।
पत्तों को पीसकर उसका रस निकालें और खाली पेट एक चम्मच सेवन करें।
सूखे पत्तों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं और सुबह-शाम सेवन करें।
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इसका सेवन चिकित्सक की सलाह से करें
- लो ब्लड शुगर वाले मरीजों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए
- अत्यधिक मात्रा में सेवन से दस्त या पेट दर्द हो सकता है
इस पत्ते का जिक्र भारतीय ग्रामीण चिकित्सा पद्धति में सदियों से मिलता है। अब अमेरिका, जापान, और यूरोप में भी Green Leaf for Diabetes की मांग बढ़ रही है। आयुष मंत्रालय भी अब इस पर रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट की दिशा में काम कर रहा है।
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