आपने महाभारत तो देखी ही होगी. उसमें द्रौपदी के 5 पति थे. यानि द्रौपदी ने पांचों पांडवों से शादी की थी. इसी परंपरा को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में भी खूब अपनाया जाता है. यानि परिवार में सगे भाइयों की एक ही पत्नी होती है. बेशक समय के साथ-साथ लोगों ने आधुनिकता को अपना लिया है. मगर कुछ गांवों में यह परंपरा अभी भी कायम है. सिरमौर के शिलाई गांव में दो भाइयों ने अब एक ही दुल्हन से शादी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
इस परंपरा को बहुपतित्व कहते हैं. इस परंपरा के चलते शिलाई गांव में हट्टी जनजाति के दो भाइयों ने एक ही दुल्हन से शादी रचा ली. इस तरह तीनों विवाह बंधन में बंध गए. बहुपतित्व की पुरातन परंपरा के तहत संपन्न इस विवाह को सैकड़ों लोगों ने देखा. दुल्हन सुनीता चौहान ने कहा कि उसने बिना किसी दबाव के यह फैसला लिया है. दोनों दूल्हों प्रदीप और कपिल नेगी ने भी कहा कि उनका यह फैसला बिना किसी दबाव में लिया गया है.
सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र में 12 जुलाई से शुरू हुए और तीन दिनों तक चले इस समारोह में स्थानीय लोकगीतों और नृत्यों का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया. विवाह समारोह का वीडियो इंटरनेट पर वायरल भी हुआ है. दूल्हे कपिल ने कहा- हमने हमेशा पारदर्शिता में विश्वास किया है. मैं भले ही विदेश में रह रहा हूं लेकिन इस शादी के जरिए मैंने एक संयुक्त परिवार के रूप में अपनी पत्नी के लिए सहयोग, स्थिरता और प्यार सुनिश्चित किया है.
हट्टी समुदाय की परंपरा
हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा पर रहने वाले हट्टी समुदाय को तीन साल पहले अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था. इस जनजाति में सदियों से बहुपतित्व की प्रथा कायम है. अब महिलाओं में बढ़ती शिक्षा और आर्थिक प्रगति के कारण बहुपतित्व के मामले कम आ रहे हैं. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसी शादियां गुप्त रूप में होती हैं. समाज इन शादियों को मानता है लेकिन ऐसे मामले अब कम आ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस परंपरा के पीछे मुख्य विचार था कि पैतृक संपत्ति का बंटवारा ना हो. हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री वाईएस परमार ने इस परंपरा पर शोध किया था और पीएचडी पूरी की थी.
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