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22 सितंबर की रात अंशिका के साथ क्या-क्या हुआ? मर्डर की वजह आई सामने, आरोपी फौजी गिरफ्तार

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ऊना. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में शादी से एक दिन पहले दुल्हन की हत्या के आरोपी फौजी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. ऊना पुलिस की टीम ने फौजी प्रवेश कुमार को जम्मू से अरेस्ट किया है और उसे लेकर ऊना पहुंची है. इस मामले में अब पुलिस आरोपी के चाचा और उसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी फौजी ने पुलिस से पूछताछ में युवती की हत्या की बात कबूली है. ऊना के बंगाणा के बैरियां मंजड की 24 वर्षीय अंशिका पिता और भाई की मौत के बाद मां का एकमात्र सहारा थी.

22 सितंबर की रात को क्या हुआ
दरअसल, 22 सितंबर की रात को अंशिका की हत्या कर दी गई थी. जबकि 24 सिंतबर को उसकी शादी होनी थी. 22 सितंबर की रात को अंशिका और उसका परिवार शादी से जुड़े कपड़ों और गिफ्ट की पैकिंग कर रहे थे. इस दौरान रात को अंशिका अपने कमरे में सोने चली गई. रात को प्रवेश ने अंशिका को बाहर मिलने बुलाया थ. इस दौरान उसने अंशिका से कहा कि वह बच्चा नहीं चाहता है और प्रवेश ने गर्भपात के लिए अंशिका को कुछ गोलियां भी खाने को दी थी. लेकिन उसने यह गोलियां नहीं खाई थी. क्योंकि अंशिका गर्भपात नहीं करवाना चाहती थी और इसी बात को लेकर फौजी प्रवेश ने तैश में आकर अंशिका का गला रेता और फिर शव को आग लगा दी और भाग गया. प्रवेश के पिता की मौत हो चुकी है और उसके चाचा ही उसकी देखभाल करते थे. बाद में प्रवेश के चाचा संजू ने ही उसे 23 सितंबर को उसकी यूनिट जम्मू में गाड़ी के जरिये छोड़ा था.

गौरतलब है कि अंशिका ने प्रवेश के साथ पहले कोर्ट मैरिज कर ली थी. लेकिन अब दू रीति रिवाज के अनुसार शादी तय की गई थी. अंशिका छह माह की गर्भवती थी.
गौरतलब है कि 22 सितंबर की रात को अंशिका की तेजधार हथियार से गला रेतकर हत्या करन के बाद फौजी प्रवेश ने उसके शव को आग लगा दी थी. फिर अंशिका का अधजला शव 23 सितंबर की शाम घर से 500 मीटर दूर पुलिया के नीचे मिला था. अंशिका की मां ने अपनी शिकायत में प्रवेश और उसके चाचा संजीव के खिलाफ हत्या के आरोप लगाए थे.

अंशिका के पिता की हो चुकी है मौत
अंशिका के परिवार में कुल चार लोग थे. उसके भाई की चार साल की उम्र में ही मौत हो चुकी थी और पिता का भी करीब दो तीन महीने पहले निधन हुआ था. अंशिका की मां ने एक बेटा गोद लिया है. जो कि 12 साल का है और ऐसे में अंशिका ही मां का सहारा था.

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