नई दिल्ली: यूपी के कानपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां शादी से इनकार करने पर दो साल पहले एक हैवान ने विधवा को तेजाब से नहला दिया। इस घटना के बाद सोमवार को कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आरोपी को 30 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को योजनाओं के तहत मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। साक्ष्यों और गवाहों को देखते हुए कोर्ट ने सख्त सजा सुनाई है। पुलिस की सजा तक पहुंचाने में अहम भूमिका रही।
बीच सड़क पर तेजाब से जलायाजानकारी के अनुसार यह पूरा मामला यूपी का बताया जा रहा है। यहां रहने वाली प्रियंका उर्फ खुशबू के पति की जनवरी 2022 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद प्रियंका बच्चे के साथ अपने मायके बिधनू में रहने लगी थी। रोज की तरह समाधि पुलिया स्थित रस्सी की फैक्ट्री में वह 4 मई 2022 की सुबह 9:30 बजे काम करने जा रही थी और इसी दौरान इकतरफा प्यार में पागल अजय नाम का दरिंदा वहां आकर शादी के लिए प्रियंका पर दबाव बनाने लगा। कल्याणपुर मवइया का रहने वाला अजय रास्ता रोककर प्रियंका को शादी का प्रस्ताव देने लगा। जब इस बात का प्रियंका ने विरोध किया तो उसने प्रियंका को दबोचने का प्रयास किया, प्रियंका उसकी सुनने को तैयार नहीं हुई और आगे बढ़ गई। इस बात से झल्लाए अजय ने तेजाब से भरे डिब्बे से प्रियंका को नहला दिया और मौके से भाग निकला।
इलाज चल रहा हैइस मामले को लेकर अपर जिला जज तृतीय कंचन सागर का कहना है कि-विधवा को तेजाब से जलाने वाले अजय पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह पूरी रकम पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी। मुकदमे को इस अंजाम तक लाने के पीछे भी विधवा का हौसला और हिम्मत है। उन्होंने आगे बताया कि- पीड़िता ने कोर्ट में भी बयान दिया था कि अजय के घर वाले समझौते के लिए दबाव बनाते थे। समझौता न करने पर धमकी देते थे कि अजय छूटकर आएगा तो जान से मार डालेगा। मगर पीड़िता पीछे नहीं हटी…डटी रही। इस हमले के बाद पूरी हिम्मत से लड़ाई लड़ी। न तो दबाव में आई, न किसी धमकी से डरी।
दोषी को सजा सुनाईबता दें कि दोषी करार दिया गया दो बच्चों का बाप अजय वास्तव में दरिंदा ही था। पीड़िता के शादी करने से मना करने की बात को लेकर उसने तेजाब की बोतल उसके ऊपर उड़ेल दी। इस घटना के बाद पड़ोसियों ने पुलिस और उसके पिता को सूचना दी। पीड़िता का उर्सला और लखनऊ के केजीएमयू में इलाज चला। एडीजीसी ओमेंद्र दीक्षित ने बताया कि 14 सितंबर 2022 को कोर्ट में आरोप तय हुए थे। अभियोजन की ओर से पीड़िता और उसके पिता सहित सात गवाह कोर्ट में पेश हुए।
आरोप तय होने के बाद सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अजय को दोषी मानकर सजा सुनाई। इस घटना के बाद फैसले में कोर्ट ने भी कहा कि पीड़िता ने न सिर्फ अपनी चोटों को सहन किया बल्कि खुद न्यायालय में गवाही देकर बहादुरी से पूरी अपनी आपबीती सुनाई। इस घटना का भार पीड़िता को पूरे जीवन उठाना होगा, इसलिए अजय को 30 साल की कठोर कारावास देने से ही न्याय की मंशा पूरी होगी।
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