New Delhi, 19 अगस्त . हमारे रसोई घर में कई ऐसी चीजें होती हैं, जिनका महत्व हम शायद रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं समझ पाते. ऐसी ही एक खास चीज है ‘सौंफ’, जिसे लोग खाने के बाद अक्सर माउथ फ्रेशर के तौर पर खाते हैं. लेकिन यह सिर्फ स्वाद और खुशबू के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है. वैज्ञानिकों के शोध में भी इसके फायदे निकल कर सामने आए हैं.
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते हैं. यही नहीं, इसमें पाए जाने वाले यौगिक जैसे फेनोलिक एसिड और फ्लावोनोइड्स शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं और हानिकारक तत्वों से लड़ने में मदद करते हैं.
आयुर्वेद में सौंफ को प्राकृतिक औषधि के रूप में जाना जाता है.
सौंफ हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद लाभकारी है. जब हम कुछ ज्यादा ही खाना खा लेते हैं और पेट में गैस या अपच महसूस होती है, तो सौंफ चबाने से राहत मिलती है. यह हमारे पेट की मांसपेशियों को आराम देती है और खाने को पचाने वाले एंजाइम को सक्रिय करती है.
रिसर्च में पाया गया है कि सौंफ भूख को नियंत्रित करने में भी मदद करती है. जब हम इसे चबाते हैं, तो मुंह में लार अधिक बनती है, जिससे पेट भरा-भरा लगता है और फालतू खाने की इच्छा कम होती है. इस वजह से यह वजन घटाने में भी सहायक हो सकती है, बशर्ते इसका सेवन सही मात्रा में किया जाए.
सौंफ में एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजन कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं. यह शरीर में हो रही सूजन को कम करने में मदद करती है, जिससे जोड़ों के दर्द या मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन में भी आराम मिलता है. महिलाओं के लिए सौंफ विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी गई है. इसके अलावा, सौंफ एक बेहतरीन माउथ फ्रेशनर भी है. इसमें मौजूद प्राकृतिक तेल मुंह की दुर्गंध को दूर करते हैं और सांसों में ताजगी लाते हैं. यही कारण है कि होटल, ढाबों, या शादी-विवाह में खाना खाने के बाद सौंफ जरूर दी जाती है.
हाल ही में पाकिस्तान के लाहौर विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में भी सौंफ को एक बेहतरीन प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट स्रोत माना गया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि सौंफ में मौजूद फेनोलिक यौगिक शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करते हैं, जो उम्र बढ़ने और कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
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पीके/एएस
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