Mumbai , 16 अक्टूबर . Maharashtra में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जालसाजों ने खुद को सीबीआई और ईडी के अधिकारी बताकर एक 72 वर्षीय व्यवसायी से 58 करोड़ रुपए की ठग की. इस मामले में Maharashtra साइबर विभाग ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
साइबर अधिकारियों के अनुसार, यह ठगी 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच हुई. जालसाजों ने पीड़ित व्यवसायी और उनकी पत्नी से संपर्क कर दावा किया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सामने आया है. इसके बाद आरोपियों ने वीडियो कॉल के जरिए दोनों को डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनसे पैसे वसूलने लगे.
अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने पीड़ित को भरोसा दिलाया कि अगर वह जांच में सहयोग करते हुए उनकी बताई प्रक्रिया का पालन करेंगे, तो उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. इसी डर और भ्रम में आकर व्यवसायी ने करीब दो महीनों के भीतर आरटीजीएस के माध्यम से 58 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए. जब पीड़ित को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी है, तो उन्होंने तुरंत Maharashtra साइबर Police से शिकायत दर्ज कराई.
साइबर विभाग के अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण किया गया, जिसमें पता चला कि ठगी की रकम कम से कम 18 बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी. Police ने संबंधित बैंकों से तुरंत संपर्क कर इन खातों को ‘फ्रीज’ करने का अनुरोध किया ताकि रकम को आगे ट्रांसफर न किया जा सके.
Police ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
जांच के दौरान Police ने अब्दुल खुल्ली (47), अर्जुन कड़वासरा (55) और जेठाराम (35) को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो देशभर में बुजुर्ग व्यवसायियों और उच्च आय वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर ठगी कर रहे थे.
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पीएसके
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