New Delhi, 8 अक्टूबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन की जांच के दौरान धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत समन जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त कर दिया है.
हाल के दिनों में ईडी को कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें कुछ ठगों ने फर्जी समन भेजकर लोगों से धोखाधड़ी या जबरन पैसे वसूलने की कोशिश की. ये नकली समन असली समन की तरह दिखते हैं, जिससे आम लोगों को असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए ईडी ने एक नई डिजिटल व्यवस्था शुरू की है, जिसमें अब ज्यादातर समन सिस्टम के जरिए जारी होंगे.
नई व्यवस्था में हर समन पर एक क्यूआर कोड और एक खास पासकोड होगा, जो इसकी सत्यता जांचने में मदद करेगा. ईडी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर सिर्फ इस सिस्टम का इस्तेमाल करें. इन समन पर समन जारी करने वाले अधिकारी का हस्ताक्षर, मुहर, आधिकारिक ईमेल आईडी और फोन नंबर भी होगा, ताकि लोग आसानी से संपर्क कर सकें. अगर कोई समन सिस्टम से बाहर का है, तो उसे खास संपर्क बिंदु से सत्यापित करना होगा. समन पाने वाले लोग अपनी सुविधा के अनुसार दो तरीकों से इसकी सच्चाई चेक कर सकते हैं.
पहला तरीका है क्यूआर कोड को स्कैन करना, जिसमें मोबाइल कैमरा या क्यूआर रीडर ऐप से कोड स्कैन करके सत्यापन हो जाता है. दूसरा तरीका है ईडी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर समन का विवरण जैसे पासकोड या तारीख डालकर जांच करना. हालांकि, सत्यापन तभी शुरू होगा जब समन जारी होने के 24 घंटे बीत जाएं, बशर्ते कि उस दौरान कोई सार्वजनिक अवकाश, Saturday या Sunday न हो.
इसके अलावा, ईडी ने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ धोखेबाज ईडी के नाम पर फर्जी गिरफ्तारी आदेश दिखाकर या खुद को अधिकारी बताकर डिजिटल गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं.
ईडी स्पष्ट करती है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कोई डिजिटल या ऑनलाइन गिरफ्तारी नहीं होती और सभी गिरफ्तारियां शारीरिक रूप से उचित प्रक्रिया के बाद की जाती हैं. इससे पहले कई लोग फोन पर धमकी पाकर पैसे देने को मजबूर हुए हैं.
ईडी ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे ठगों से सावधान रहें और शक होने पर तुरंत स्थानीय Police या ईडी से संपर्क करें. एजेंसी ने कहा कि वह धोखाधड़ी रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. अगर आपको कोई संदिग्ध समन मिले, तो बिना देर किए उसकी जांच कराएं और सिर्फ आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें.
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एसएचके/डीएससी
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