उदयपुर, 6 सितंबर . राजस्थान के उदयपुर में आहड़ नदी ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है. भारी बारिश के बाद नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
आहड़ नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण कई मकान और गाड़ियां पानी में डूब गई हैं, जबकि मदार क्षेत्र से लगातार पानी आने के कारण स्थिति और गंभीर हो रही है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं.
नदी के उफान के कारण उदयपुर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है. घरों में पानी घुसने से लोग जरूरी सामान बचाने में जुटे हैं. कई परिवार सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं. एसडीआरएफ की टीमें युद्ध स्तर पर राहत कार्य में जुटी हैं, फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल लगातार शहर का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. वे अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं. यूडीए आयुक्त राहुल जैन और निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना भी प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं, ताकि राहत कार्यों में कोई कमी न रहे. हालांकि स्थानीय निवासियों ने पत्रकारों से बात करते हुए प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि प्रशासन ने समय पर उचित कदम नहीं उठाए, जिससे स्थिति बिगड़ गई. लोग प्रशासन से बेहतर प्रबंधन और दीर्घकालिक समाधान की मांग कर रहे हैं.
साल 2006 के बाद यह पहला मौका है, जब उदयपुर में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति देखने को मिल रही है. मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है. अधिकारियों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर हैं, और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है.
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एससीएच/जीकेटी
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