New Delhi, 14 अगस्त . आज की तेज रफ्तार जिंदगी में दिल की बीमारियां अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं. काम का बढ़ता दबाव, बदली हुई जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते अब युवा और किशोर भी दिल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. हाल ही में हुई कई रिसर्च में सामने आया है कि हार्ट अटैक के मामले दोगुनी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में समय रहते कुछ आसान आदतों को अपनाना ही इस खतरे को काफी हद तक कम करने का एक तरीका है. इनमें से एक है ‘योगासन’.
आयुष मंत्रालय ने अपनी साइट में इसके लाभ की जानकारी दी है. बताया है कि नियमित योगाभ्यास दिल को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकता है. योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि यह मानसिक तनाव को भी कम करता है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है.
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग से हृदय की कार्यप्रणाली बेहतर होती है क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन को संतुलित करता है, ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और नसों की जकड़न को कम करता है. योगासन में कुछ आसान ऐसे हैं, जिनका नियमित अभ्यास दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है.
ताड़ासन: यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली योगासन है जो शरीर को स्ट्रेच करता है और संतुलन बढ़ाता है. ताड़ासन से शरीर में खिंचाव आता है जिससे छाती की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है. इससे दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर होती है और तनाव में कमी आती है.
मार्जरीआसन: इस आसन में शरीर की मुद्रा बिल्ली जैसी होती है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर की चर्बी को कम करता है. मोटापा दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है; ऐसे में यह आसन इसे कम करने में अहम भूमिका निभाता है. यह तनाव को घटाकर मन को भी शांत करता है.
त्रिकोणासन: यह शरीर की कई प्रमुख मांसपेशियों को एक्टिव करता है. यह आसन रीढ़, जांघ, घुटनों और छाती पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. साथ ही, यह तनाव और चिंता को कम करता है, जो दिल की बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक हैं.
वीरभद्रासन: यह आसन शरीर की ताकत और लचीलापन बढ़ाता है. यह दिल तक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और नसों में ब्लॉकेज की संभावना को कम करता है. इसके नियमित अभ्यास से छाती, कंधे और जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है.
उत्कटासन: यह आसन कंधों, पीठ और पैरों को मजबूत बनाता है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है, जिससे छाती में ब्लॉकेज की संभावना घटती है. यह कैलोरी बर्न करने में भी मददगार है.
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पीके/केआर
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