New Delhi, 10 नवंबर . पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने Supreme court में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी. Supreme court ने Monday को सुनवाई से इनकार कर दिया और इस मामले में हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है.
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने अमृतपाल को पंजाब एंड Haryana हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा कि याचिका पर छह सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी कर निपटारा किया जाए.
अमृतपाल सिंह वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि एक निर्वाचित सांसद का कामकाज रोकना उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत Political रूप से प्रेरित है और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है. याचिका में केंद्र और पंजाब Government को पक्षकार बनाया गया था.
मार्च 2023 को पंजाब Police ने अमृतपाल और उनके नौ सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया. अमृतपाल पर खालिस्तान समर्थन, राज्य के खिलाफ युद्ध भड़काने और रेडिकल विचारधारा फैलाने के आरोप हैं. वे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं और 2024 के Lok Sabha चुनाव में खडूर साहिब से जीतकर सांसद बने थे.
अमृतपाल के वकील ने Supreme court में तर्क दिया कि एक सांसद के रूप में उन्हें संसद सत्र में भाग लेने का अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 84 के तहत सांसद बनने की योग्यता पर भी बहस हुई, लेकिन कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद मामला हाईकोर्ट भेज दिया. इससे पहले जुलाई 2024 में अमृतपाल ने हाईकोर्ट में एनएसए हिरासत रद्द करने की याचिका दायर की थी, लेकिन वहां भी सुनवाई लंबित है.
हाल ही में डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिंटेंडेंट निपेन दास को अमृतपाल को अनधिकृत गैजेट्स उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. असम Police का कहना है कि इन उपकरणों से अमृतपाल जेल से ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर अपनी पहुंच बढ़ा रहे थे, जो एनएसए नियमों का उल्लंघन था.
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एससीएच/डीएससी
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