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पंजाब मंत्रिमंडल का जल्द होगा विस्तार, संजीव अरोड़ा बनेंगे मंत्री : भगवंत मान

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चंडीगढ़, 24 जून . पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के लिए स्थायी कार्यालय आवंटन को लेकर चर्चा की.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब एक राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है. पंजाब और गुजरात में हमारी पार्टी को जनता का स्पष्ट समर्थन मिला है. चंडीगढ़ में कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और भाजपा जैसी अन्य प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी का अब तक कोई कार्यालय नहीं है. हम सभी जरूरी शर्तें पूरी करते हैं. उन्होंने समान व्यवहार की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

सीएम भगवंत मान ने अगले दो से चार दिनों के भीतर पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पार्टी ने नव-निर्वाचित विधायक संजीव अरोड़ा से मंत्री बनाने का जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा. हम जनता के दिए हुए मैंडेट का पूरा सम्मान करते हैं, यह हमारा नैतिक और लोकतांत्रिक कर्तव्य है. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अरोड़ा के विधायक बनने के बाद राज्यसभा की खाली हुई सीट पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्यसभा नहीं जाएंगे. राज्यसभा के लिए ऐसा प्रतिनिधि भेजा जाएगा जो पंजाब की आवाज वहां मजबूती से उठा सके.

इस दौरान उन्होंने बुधवार को अपने आगामी दिल्ली दौरे की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गुजरात से बड़ी जीत दर्ज करने वाले विधायक गोपाल इटालिया और विधायक संजीव अरोड़ा भी दिल्ली पहुंचेंगे.

किसानों की सहायता के लिए सरकार के सक्रिय उपायों पर प्रकाश डालते हुए, मान ने नमी की कमी को दूर करने और खरीद समयसीमा में सुधार के लिए धान की रोपाई के कार्यक्रम में प्रगति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “हमने निर्बाध बिजली, पर्याप्त नहरी पानी सुनिश्चित किया है और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए खरीद समयसीमा में तेजी लाई है.”

मान ने कांग्रेस के भीतर आंतरिक गुटबाजी को संबोधित किया और उनकी एकता और दिशा की कमी की आलोचना की. मान ने कहा कि कांग्रेस आंतरिक संघर्ष और गुटबाजी से ग्रस्त है. यह चुनावों के दौरान और बाद में स्पष्ट हो गया है. एक विभाजित सदन लोगों की प्रभावी रूप से सेवा नहीं कर सकता है.

पीएसके/डीएससी

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