चेन्नई, 29 अक्टूबर . सीपीआई (एम) सांसद आर. सचिदानंदन ने Tuesday को कहा कि हमारी पार्टी एसआईआर का विरोध करती है, क्योंकि इससे मतदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन होगा, जिसे एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण का ऐलान किया है. इसके तहत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को कवर किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत 51 करोड़ मतदाता भी कवर किए जाएंगे. इस प्रक्रिया को शुरू करने का एकमात्र ध्येय फर्जी मतदाताओं को चिन्हित करना होगा.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया मुख्य रूप से उन राज्यों में शुरू की जाएगी जहां पर चुनावी बिगुल बजने वाला है. इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी शामिल हैं. हालांकि, इस सूची में असम का नाम शामिल नहीं है, जहां अगले वर्ष चुनाव होने वाला है.
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के पहले चरण के दौरान 68 लाख मतदाताओं के नाम चिन्हित किए गए थे. इन्हें फर्जी पाया गया था. लिहाजा, इन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया गया था. यह सभी मतदाता बिहार से थे. तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल की Governmentों ने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया का विरोध किया है. इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए अब केरल की Government स्थानीय चुनाव शुरू कराने वाली है.
सीपीआई (एम) सांसद आर. सचिदानंदन ने कहा कि राज्य Government की बिना सहमति के इस प्रक्रिया को शुरू करा पाना मुश्किल है, क्योंकि इस प्रक्रिया को शुरू कराने में ज्यादातर संसाधन जो इस्तेमाल किए जाएंगे, वो मुख्य रूप से राज्य Government की ओर से ही मुहैया कराए जाएंगे. दो नवंबर को तमिलनाडु में सर्वदलीय बैठक का भी आयोजन किया गया है, जिसमें वो एसआईआर को वापस लेने पर विचार करने जा रहे हैं, क्योंकि उनका तर्क है कि यह एसआईआर बिहार में पूरी तरह से विफल साबित हुआ है.
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एसएचके/एससीएच
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