मंडी, 28 अगस्त . Himachal Pradesh के मंडी में भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया है. पंडोह डैम के पास कैंची मोड़ के निकट हाईवे का एक बड़ा हिस्सा भारी बारिश के कारण धंस गया है. रात भर हुई तेज बारिश ने हाईवे को पूरी तरह तबाह कर दिया, जिससे न तो वाहन और न ही पैदल चलने का रास्ता बचा है.
वहीं, इस हादसे पर मंडी की सांसद कंगना रनौत ने दुख जताया है. उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मंडी-बनाला के पास हुआ यह भीषण हादसा बेहद दुखद है. पहाड़ धंसने से कई लोग और वाहन मलबे में दबे हो सकते हैं. मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं और प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं. राहत कार्य तेजी से चल रहा है. ईश्वर सभी को सुरक्षित रखें और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करती हूं.”
इससे पहले, हाईवे बनाला के पास भूस्खलन से बंद था, जहां भारी वाहनों को 9 मील के पास रोक दिया गया था.
हाईवे को आज बनाला में पत्थर हटाकर बहाल करने की योजना थी, लेकिन कैंची मोड़ पर हुए इस नए धंसाव ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बनाला में पत्थर हटाने का काम पूरा हो गया है, लेकिन कैंची मोड़ की मरम्मत या वैकल्पिक मार्ग बनाने में वक्त लगेगा. इससे पहले, हाईवे दवाड़ा के पास तीन दिन बाद बहाल हुआ था, लेकिन इस हादसे ने परेशानियां और बढ़ा दी हैं.
वर्ष 2023 में भी इसी इलाके में ऐसी आपदा देखी गई थी, जब हाईवे का एक बड़ा हिस्सा धंसकर पंडोह डैम में समा गया था. उस वक्त हाईवे को फिर से बनाने में 8 महीने लगे थे. पुराने मार्ग को दुरुस्त करके आवागमन शुरू किया गया था. लेकिन, अब कैंची मोड़ पर ऐसा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा. मौजूदा हालात में मंडी से कुल्लू-मनाली के लिए कटौला मार्ग को वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है. यहां हर एक घंटे में छोटे वाहनों को जाने की अनुमति दी जा रही है, जो फिलहाल एकमात्र सहारा है.
स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई की टीमें मौके पर राहत और मरम्मत कार्य में जुटी हैं, लेकिन भारी बारिश और भू-स्खलन के खतरे ने काम को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है. यात्रियों से अपील की गई है कि वे जरूरत होने पर ही यात्रा करें और वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें.
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एसएचके/केआर
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