नई दिल्ली, 24 जून . 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था. आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर केंद्र ने दिल्ली सरकार के सहयोग से त्यागराज स्टेडियम में ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है. यह कार्यक्रम बुधवार को आयोजित होगा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह होंगे. केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि 1975 में लोकतंत्र की हत्या की गई थी.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, “1975 में भारत पर कोई आंतरिक या बाहरी खतरा नहीं था, कोई आर्थिक खतरा भी नहीं था. इसके बावजूद सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लगाया गया और विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया था. यह देश के लोकतंत्र की हत्या थी. आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर एक कलंक की तरह है.”
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने से कहा, “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र और संविधान के लिए धब्बा है. अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोपा गया था. इसी वजह से आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर लोकतंत्र को मजबूत करने और आने वाली पीढ़ी को जागृत करने के उद्देश्य से इस काले अध्याय की विवेचना होनी चाहिए और शोध होना चाहिए. इस तरह की मानसिकता को कुचला जाना जरूरी है.”
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा, “जो लोग इन दिनों लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, उन्हें आपातकाल को याद करना चाहिए. किस प्रकार रातों-रात देश पर आपातकाल थोपा गया था. इन सभी विषयों का जवाब उन्हें देना चाहिए. इस विषय को जनता के बीच बार-बार लाए जाने की आवश्यकता है ताकि अगर भविष्य में किसी भी तरह की तानाशाही प्रवृति पैदा हो तो उसके खिलाफ जय प्रकाश नारायण जैसा नेता खड़ा हो.”
अमित शाह के अलावा केंद्रीय रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.
कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के पूरे घटनाक्रम का विवरण पेश होगा. भारत के पुरातन और जनभागीदारी वाले लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल के दौरान लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी जाएगी.
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पीएके/एबीएम