अकरा, 3 जुलाई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की विदेश यात्रा के लिए घाना पहुंचे. पीएम मोदी की यह यात्रा ‘अफ्रीका महाद्वीप’ में भारत की कूटनीतिक पहुंच का नया संकेत है. पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया. घाना में रहने वाले 15 हजार से ज्यादा भारतीय मूल के नागरिकों को पीएम मोदी ने ‘भारत के सांस्कृतिक राजदूत’ बताया. आइए, इस यात्रा से जुड़ी 10 अहम बातों को जानते हैं…
नरेंद्र मोदी घाना का दौरा करने वाले भारत के तीसरे प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले साल 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और साल 1995 में नरसिम्हा राव ने इस देश की यात्रा की थी. इसके 30 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना का दौरा किया है.
21 तोपों की सलामी के साथ पीएम मोदी का स्वागत अद्भुत रहा. अकरा के कोटोका इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने 21 तोपों की सलामी के साथ प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया.
इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना के राष्ट्रपति ने ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया. यह घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इसके साथ ही पीएम मोदी को मिलने वाले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या 24 हो गई है. पीएम मोदी ने इस सम्मान को युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं, देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और भारत-घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया है.
इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाना था. भारत ने घाना के साथ चार द्विपक्षीय समझौते किए. इसमें भारत-घाना के बीच संस्कृति के आदान-प्रदान के कार्यक्रम पर एमओयू, भारतीय मानक ब्यूरो और घाना स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी के बीच एमओयू, आईटीएम (घाना) और आईटीआरए (भारत) के बीच एमओयू और संयुक्त आयोग बैठक पर एमओयू शामिल हैं.
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को और मजबूत करने के लक्ष्य पर सहमति बनी है. पीएम मोदी ने कहा- “भारत और घाना के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है. अगले 5 साल में इसे दोगुना करने का लक्ष्य है.”
भारत, घाना में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और वैक्सीन हब स्थापित करने के लिए सहायता करेगा. भारत कोविड-19 महामारी के दौरान घाना की मदद कर चुका है. उस समय भारत ने घाना को छह लाख कोविड वैक्सीन दी थीं.
पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साथ खड़े होने का संदेश देते हुए कहा है कि भारत और घाना जलवायु परिवर्तन, वैश्विक दक्षिण और वैश्विक न्याय जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे. दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के सदस्य हैं, जो संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना की संसद को संबोधित करते हुए भारत-अफ्रीका की साझी विरासत और विकास यात्रा पर बात की. दोनों देशों ने कला, संगीत, साहित्य, नृत्य और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति जताई है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक समझ के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देना है.
एक अहम घोषणा भी चर्चा में रही, और वो डिजिटल सेवाओं को लेकर है. मोदी ने डिजिटल भुगतान प्रणाली और टेक्नोलॉजी साझेदारी को घाना की नई पीढ़ी के विकास से जोड़ने की घोषणा की. भारत, घाना को फिनटेक में मदद करेगा और डिजिटल लेन-देन का अनुभव साझा करेगा.
भारत-घाना रिश्ते की डोर नई नहीं है. वर्षों से यहां भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं. शायद यही वजह है कि पीएम मोदी ने घाना में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को ‘भारत के सांस्कृतिक राजदूत’ बताया है. घाना में करीब 15 हजार भारतीय रहते हैं, जिनमें लगभग 3 हजार घाना की नागरिकता ले चुके हैं. कुछ ऐसे भी परिवार हैं, जो पिछले 50 वर्षों से ज्यादा समय से घाना में रह रहे हैं. यहां अधिकतर गुजराती और सिंधी समुदाय है.
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आरएसजी/केआर
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