Mumbai , 17 अगस्त . देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया. मथुरा और वृंदावन से लेकर देश के कोने-कोने में मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया, और रात 12 बजे श्रीकृष्ण की भव्य आरती के साथ उनका जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हालांकि, महाराष्ट्र में जन्माष्टमी पर हुए दही हांडी उत्सव के दौरान अलग-अलग हादसों में बड़ी दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए.
महाराष्ट्र के मानखुर्द एक व्यक्ति की दही हांडी बांधते हुए मौत हो गई, जिसकी पहचान जगमोहन शिवकिरण चौधरी के रूप में हुई है. वह दही हांडी बांधते समय पहली मंजिल से गिरकर अपनी जान गंवा बैठे. उन्हें तुरंत शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया.
वहीं, दूसरी घटना में 14 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई.
बीएमसी और सरकारी अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, Saturday रात 12:30 बजे तक 210 व्यक्तियों के घायल होने की सूचना मिली, जिनमें से 68 का इलाज चल रहा है और 142 को डिस्चार्ज कर दिया गया. सेंट्रल Mumbai के अस्पतालों में 91 घायल दर्ज किए गए, जिनमें से 60 का इलाज जारी है और 31 को छुट्टी दे दी गई.
पूर्वी उपनगरों में 45 और पश्चिमी उपनगरों में 74 लोग घायल हुए.
अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, घायल लोगों का डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है. संभवत Sunday-Monday तक सभी गोविंदाओं को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
बता दें कि हर साल जन्माष्टमी के मौके पर Mumbai में जगह-जगह पर दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसमें भारी संख्या में गोविंदा हिस्सा लेते हैं. यह भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है. भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था. बाल लीलाओं में कृष्ण अपनी मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे. इसी वजह से कृष्ण को माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता है. दही हांडी का कार्यक्रम मुरलीधर की इसी लीला को समर्पित है.
–
डीकेएम/एएस
You may also like
चाय के लिए इतना पागल था ये एक्टर कि शूटिंगˈ के बीच सेट पर ही बंधवा दी 5 भैंसें. जानिए कौन है ये दूध-प्रेमी सितारा
एक विधवा बहू ने अपनी सास को बताया वह तीनˈ माह के गर्भ से है. हंगामे के बाद बहु ने समाज के मुँह पर मारा ऐसा तमाचा की देखते रह गए गांव वाले
चुनाव आयोग क्या 'वोट चोरी और एसआईआर' के मुद्दे पर इन 4 सवालों के जवाब दे पाया
बवोट चोरी का सपना पूरा नहीं होने देंगे : राहुल
'वोटर अधिकार यात्रा' सत्ता पाने के लिए नहीं, लोकतंत्र बचाने के लिए है : मुकुल वासनिक