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पुरुषों को इमोशन दिखाने की आजादी नहीं मिलती : अर्जन बाजवा

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मुंबई, 29 जून . फिल्म ‘फैशन’ में अपनी भूमिका के लिए फेमस अभिनेता अर्जन बाजवा कहा है कि पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य को आम तौर पर नजरअंदाज किया जाता है.

अभिनेता अर्जन बाजवा ने पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य को अक्सर नजरअंदाज किए जाने पर बात की. उन्होंने कहा, “पुरुषों के भावनात्मक स्वास्थ्य के बारे में कम चर्चा क्यों होती है?” उन्होंने इसके पीछे सामाजिक अपेक्षाओं और लंबे समय से चली आ रही सामाजिक सोच को मुख्य कारण बताया.

बाजवा ने कहा कि पुरुषों के स्वास्थ्य को निश्चित रूप से बहुत कम आंका जाता है क्योंकि माना जाता है कि उन्हें भावुक होने का हक नहीं है. उन्हें बस प्रोवाइडर, कार्यकर्ता और सभी स्थितियों को संभालने वाला व्यक्ति माना गया है.

एक्टर ने कहा, “वास्तव में अगर कोई पुरुष भावुक दिखाई भी देता है, उसे हम कमजोर मानने लगते हैं. लेकिन कोई यह नहीं समझ पाता कि पुरुष भी इंसान है. इसलिए, पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि सही मानसिकता ही सही परिणाम लाएगी.”

अभिनेता ने बताया कि उन्हें भावनात्मक रूप से खुद को व्यक्त करने में दिक्कत होती है क्योंकि वह अक्सर अपने सपनों की तलाश में डूबे रहते हैं. हालांकि, उन्होंने अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़े भावनात्मक संघर्षों के बारे में बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि एक पुरुष के पास अपने इमोशन को दिखाने के लिए कोई समय और स्थान नहीं है. बचपन से ही पुरुषों को उस बॉक्स में डाल दिया जाता है, जहां उन्हें सही तरीके से काम न करने के लिए दोषी ठहराया जाता है.”

उन्होंने कहा कि पुरुषों को जीवन में भावुक होने या गलतियां करने की आजादी नहीं मिलती. आप अपने हर कदम के लिए हमेशा जवाबदेह होते हैं. इसलिए, पुरुषों को जीवन में हर कदम पर फायदे और नुकसान को तौलते रहना पड़ता है.

वर्कफ्रंट की बात करें, तो अभिनेता फिल्म ‘फैशन’, ‘क्रूक’, ‘सन ऑफ सरदार’, ‘बॉबी जासूस’, ‘रुस्तम’, और ‘कबीर सिंह’ जैसी फिल्मों में भूमिकाओं में रहे हैं. वह “बेस्टसेलर्स” और “स्टेट ऑफ सीज: 26/11” जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुके हैं.

एनएस/एकेजे

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